लॉकडाउन: राजस्थान में दिन-रात चल रही 647 मिलें
जयपुरPublished: Apr 03, 2020 07:11:31 pm
कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के चलते राज्य में 647 आटा, बेसन, दाल, तेल और मसाला मिलों में उत्पादन चालू होने के साथ ही प्रभावी सप्लाई चेन के चलते प्रदेश में आटा-दाल, तेल और मसाला आदि की उपलब्धता को चाक चौबंद किया जा चुका है।
इकाइयों को अनुमति-पास मिनटों में मिल रहे
उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा है कि प्रदेश में लाइसेंसप्राप्त औद्योगिक इकाइयों को अनुमति, पास आदि जारी करना आसान बनाने से अब जिला उद्योग केन्द्रों और रीको की ओर से अनुमति जारी करने के काम में भी तेजी आई है।
शीर्ष अधिकारियों की टीम दिन-रात जुटी
उद्योग मंत्री ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल, आयुक्त उद्योग मुक्तानंद अग्रवाल एवं रीको के एमडी आशुतोष पेडनेकर अपनी पूरी टीम के साथ नियमित मॉनिटरिंग करते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी करने के साथ ही समस्याओं के सकारात्मक हल निकाल रहे हैं।
सप्लाई चेन बनाए रखना बड़ी चुनौती
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जिस तरह से लॉक डाउन के दौरान आटा, दाल, तेल, मसाला आदि मिलों को चालू रखने का निर्णय किया और उसके बाद अनुज्ञेय श्रेणी के उद्यमों को अनुमति जारी करने की व्यवस्था को सरल बनाया, उसके अच्छे परिणाम आए हैं। औद्योगिक इकाइयों के कार्मिकों और श्रमिकों को वेतन भुगतान करने के निर्देश से बड़ी राहत मिली है।
सामाजिक जिम्मेदारी निभाने की अपील
मीणा ने एक बार फिर दोहराया कि सीएसआर फण्ड वाली औद्योगिक इकाइयों को व्यापक सामाजिक सरोकारों को ध्यान में रखते हुए आगे आना चाहिए और कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन में आज की आवश्यकता वाले क्षेत्रों, खास तौर से चिकित्सा सुविधाओं के विस्तारीकरण, मॉस्क-सेनेटाइजर, जरुरतमंदों को फूड पैकेट, मूक प्राणियों यथा पक्षियों के लिए दाना, पशुओं के लिए चारा आदि के लिए जिला कलेक्टर या मुख्यमंत्री रीलिफ फंड में राशि उपलब्ध कराएं।
फैक्ट्रियों में स्वास्थ्य मानकों की पूरी पालना
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि अनुज्ञेय श्रेणी के उद्योगों को संचालन की अनुमति के साथ ही स्वास्थ्य मानकों की पालना सुनिश्चित करना हमारी पहली प्राथमिकता है।
एक ही दिन में 120 इकाइयों को अनुमति
उन्होंने बताया कि प्रक्रिया के सरलीकरण का ही परिणाम है कि राज्य में रीको व जिला उद्योग केन्द्रों की ओर से अकेले 2 अप्रेल को ही एक दिन में ही 120 इकाइयों को अनुमति प्रदान की है। उन्होंने बताया कि 2 अप्रेल तक आटा, तेल, दाल मिलों के अलावा प्रदेश में कुल मिलाकर 275 इकाइयों को संचालन की अनुमति दे दी है।
सरकारी एडवाइजरी की शत-प्रतिशत पालना
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि अनुमति आदेशों में केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी की शत-प्रतिशत पालना पर जोर दिया जा रहा है वहीं, न्यूनतम कार्मिकों से उत्पादन करने, रहने, जीवन यापन की व्यवस्था, सोशल डिस्टेंस, संपर्क रहित व्यवस्था, मास्क, सैनिटाइजर, फयूमिगेशन, पोंछा आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया जा रहा है।
कुल 647 मिलें चल रही हैं राज्य में
आयुक्त उद्योग, मुक्तानंद अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश मेें 647 आटा, दाल, तेल, मसाला मिलें उत्पादन में लगी हुई हैं। उन्होंने बताया कि इनमें 219 आटा मिलें, 120 दाल मिलें, 247 तेल मिलें और 70 मसाला मिलें चालू हैं और इनमें उत्पादन हो रहा है।
कुछ मिलों में आटा, बेसन, सूजी, दलिया, मैदा
उन्होंने बताया कि इनमें से कुछ मिलों में तो आटा दाल मिलें तो कुछ में आटा मसाला मिलें यानी एक से अधिक वस्तुओं का उत्पादन हो रहा है। अधिकांश आटा मिलों में आटा, बेसन, सूजी, दलिया, मैदा आदि तैयार हो रहा है।
आवेदन करते ही छह घंटे में फैसला
अग्रवाल ने बताया कि प्राप्त आवेदनों पर छह घंटे में फैसला करने के निर्देशों का परिणाम है कि 2 अप्रेल से निर्णयों में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि जिला उद्योग केन्द्रों व रीको की ओर से अब तक 1642 कार्मिकों व श्रमिकों के पास जारी किए गए हैं। इनके अलावा जिले में काम करने के लिए 41 वाहनों के पास, अंतरराज्यीय 13 और अन्य राज्य से बाहर के लिए 3 अनुमति पास जारी किए जा चुके हैं।