हालांकि गोविंददेेवजी मंदिर में कई परंपराएं लॉकडाउन में भी निभाई गई। मंदिर में आखातीज को ठाकुरजी को नई पोशाक धारण करवाई गई। हर साल आखातीज को ठाकुरजी को नई पोशाक धारण करवाई जाती है। वहीं जलयात्रा उत्सव के दौरान ज्येष्ठाभिषेक में भी ठाकुरजी को नई पोशाक धारण करवाई जाएगी। ज्येष्ठाभिषेक के लिए ठाकुरजी की नई पोशाक तैयार है। मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि ठाकुरजी को पहले रोजाना नई पोशाक धारण करवाई जाती थी, अब लॉकडाउन के चलते नई पोशाक नहीं आ पा रही है। समयानुसार नई पोशाक नहीं मिल पाने से पुरानी पोशाक धारण करवाई जा रही है। हालांकि ठाकुरजी की पोशाक के लिए फरवरी 2021 तक की बुकिंग हो रखी है।
दिन में दो बार बदलते हैं पोशाक
आराध्य गोविंददेवजी की दिन में दो बार पोशाकें बदली जाती है, दिन की झांकियों के अलावा शयन झांकी में अलग पोशाक धारण करवाई जाती है। 22 मीटर और 28 मीटर लगता है कपडा
ठाकुरजी की पोशाक में 22 मीटर और 28 मीटर कपडा लगता है। इनदिनों ठाकुरजी को धोती—दुपट्टा की पोशाक धारण करवाई जाती है, जिसमें करीब 22 मीटर कपडा लगता है, वहीं सर्दियों के दिनों में जामा पोशाक धारण करवाई जाती है, जिसमें करीब 28 मीटर कपडा लगता है।
कपडा बाजार बंद होने से नहीं बन रही नई पोशाक
लॉकडाउन और परकोटे में कफर्यू के चलते कपडा मार्केट बंद है, ऐसे में ठाकुरजी के नई पोशाक के लिए कपडा नहीं मिल रहा है, वहीं पोशाक तैयार करने वाले भी इस समय पोशाक नहीं बना रहे है।