scriptलॉकडाउन की वजह से नहीं खुल रहा ताला | Lockdown not opening due to lock | Patrika News

लॉकडाउन की वजह से नहीं खुल रहा ताला

locationजयपुरPublished: Mar 30, 2020 10:24:52 pm

Submitted by:

KAMLESH AGARWAL

बंदियों की अंतरिम जमानत और पैरोल में आ रही तकनीकि खामियां

200 prisoners will be released from jails in Madhya Pradesh

मध्यप्रदेश की जेलों से 200 बंदी होंगे रिहा, परिजनों में खुशी की लहर

जयपुर।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से रालसा और जेल प्रशासन मजिस्ट्रेट ट्रायल वाले बंदियों की रिहाई की कवायद कर रहा है। इस कवायद में सबसे बड़ी परेशानी लॉकडाउन की वजह से आवाजाही बंद होना है। इसी के साथ अधिकारी आर्थिक अपराध और भ्रष्टाचारियों को छोड़ने के पक्ष में नही है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मजिस्ट्रेट ट्रायल वाले बंदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर छोड़ने की कवायद चल रही है। इस संबंध में 1328 बंदियों की अंतरिम सूचियां भी तैयार हो गई है लेकिन सबसे बड़ी परेशानी लॉकडाउन की वजह से बंदियों को जेल से रिहा करने के बाद घर तक पहुंचाने की है। इसी के साथ रिहाई से पहले जमानत मुचलके भरने के लिए परिचितों के आने को लेकर भी सामने आ रही है। इस समस्याओं के साथ ही जेल प्रशासन और रालसा सभी बिंदूओं पर गुणावगुन पर विचार कर रहा है। इस संबंध में अंतिम निर्णय के लिए इसी सप्ताह रालसा के अध्यक्ष, जेल महानिदेशक और गृह सचिव की बैठक होने की संभावना है जिसके बाद ही बंदियों को अंतरिम जमानत या पैरोल पर छोड़ने पर अंतिम फैसला होगा।

इन अपराध में बंदियों की रिहाई के पक्ष में नहीं

अब तक तैयार की कई 1328 बंदियों की अंतरिम सूची में ऐसे भी बंदी है जो भ्रष्टाचार निरोधक कानून मे बंद है। इसी के साथ प्रिवेंशन आफ मनी लॉन्ड्रींग एक्ट, मामली धाराओं में दर्ज पॉक्सो एक्ट, चैक अनादरण मामलों में गिरफ्तार आरोपियों को अधिकारी अंतरिम जमानत या पैरोल पर छोड़ने के पक्ष में नहीं है। सूची में ऐसे अपराधियों की संख्या करीबन चार सौ है।
यह है सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने 23 मार्च को एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने का आदेश दिया था। इस कमेटी को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सात साल से कम सजा वाले बंदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने पर फैसला करने का आदेश दिया था।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष न्यायाधीश संगीत लोढ़ा के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला एवं सेशन न्यायाधीश को अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी की बैठक 30 मार्च 2020 तक आयोजित करने को कहा था। ताकि महानिदेशक जेल से सूची प्राप्त हुई तो इसकी पुष्टि करने के लिए सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजा गया।
एके जैन, सचिव, रालसा
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो