दरअसल, बाड़मेर के सीमावर्ती गांवो में टिड्डियों के बहुत बड़े दल का पाकिस्तान की तरफ से तरफ से हुआ। रविवार सोमवार को यह दल देखा गया। बॉर्डर के गांवो में सबसे बड़ा टिडडी दल पहुंचा तो किसानों में हड़कंप मच गया। इतना ही नहीं इस दल को देखकर किसान एक बार तो हैरत में पड़ गए। यह दल करीब बीस से पच्चीस किलोमीटर लम्बा था। इसे देखकर किसानों के हाथ पांव फूल गए।आपको बता दें कि देश के अंतिम सरहदी गांवो में इस बार टिड्डी दलों का प्रकोप थम नहीं रहा है। पिछले साल जून माह से लगातार टिड्डियों के हमले हो रहे हैं। इन हमलों ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। तीन लाख हेक्टेयर से ज्यादा एरिया को टिड्डी दल प्रभावित कर चुके हैं। काफी किसानों की कड़ी मेहनत को इन्होंने कुछ ही मिनटों पर बर्बाद कर दिया।
बॉर्डर पर टिड्डियों का जखीरा
दरअसल, रविवार दोपहर बाद पाकिस्तान से बीस किमी लम्बे करोड़ों की संख्या में टिड्डियों का जखीरा बॉर्डर के गांवो में पहुँचा। जिसे देखकर किसानों के होश उड़ गए। आनन फानन में जिसे जो सूझा वो प्रयास किए गए। सोशल मीडिया ग्रुप के माध्यम से लोकस्ट विभाग को सूचना देने का प्रयास किया गया। आपको बता दें कि सीमावर्ती क्षेत्र गडरारोड तहसील के कई गांवों में रबी की फसल बोई हुई है। क्षेत्र के गडरारोड, गिराब, आसाडी, रतरेड़ी कला, खानीयानी, शहदाद का पार, खलीफा की बावड़ी, तामलोर,बांडासर ग्राम पंचायतों में सैकड़ों गांवो में ट्यूबवेलों से सिंचाई होती हैं।
कई किलोमीटर लंबा दल
वहीं रामसर तहसील के मापुरी, सीआई, गगरिया, सेतराऊ गावों में भी भारी टिडडी दल पहुंचे। चौहटन तहसील के सीमावर्ती गावों में बहुत बड़े टिडडी दल पहुंचा। जून 2019 से लगातार सीमावर्ती क्षेत्रों में टिड्डियों के आने का सिलसिला जारी है। किसान जाकब खान लालासर ने बताया कि उसने जीरे, इसबगोल की फसल बो रखी है। एकसाथ पहुचने वाली टिड्डियों को भगाने के लिए किसानों के पास कोई साधन नहीं है। आसमान में कई किमी लम्बे टिड्डियों के जखीरे को देखकर हाथ पांव फूल जाते हैं। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत समेत अन्य कई सीमावर्ती जिलों का दौरा कर चुके हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को प्रभावित किसानों को बिना किसी देरी के राहत प्रदान करने के निर्देश भी दे रखे हैं।