scriptबर्तन बजा भगा रहे टिड्डी | Locusts are driving away the dishes | Patrika News

बर्तन बजा भगा रहे टिड्डी

locationजयपुरPublished: May 22, 2020 06:06:12 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

टोंक जिले में पहुंचा टिडडी दल

 बर्तन बजा भगा रहे टिड्डी

 बर्तन बजा भगा रहे टिड्डी

आखिर वहीं हुआ जिसका डर था। प्रदेश के १२ से अधिक जिलों में कहर बरसाने के बाद टिड्डी दल अब टोंक भी पंहुच गया। टिड्डी दल को देखकर किसानों में दहशत फैल गई। शहर के सईदाबाद में टिड्डी दल पहुँचा। इसके अलावा मालपुरा उपखंड क्षेत्र में टिड्डी दलों का कहर पहुंच गया। इसके साथ ही पचेवर भी बड़ी संख्या में टिड्डी देखी गई। ग्रामीण ढोल ताशे और बर्तन बजाकर इन्हें भगाने में जुट गए। जानकारी के मुताबिक अजमेर जिले की सीमा क्षेत्र से लांबाहरिसिंह नगर डाटानी ग्राम से टिड्डी दल ने इस क्षेत्र में प्रवेश किया। आज सुबह जब टिड्डी दल ने क्षेत्र में प्रवेश किया तो गांवों में हड़कम्प मच गया। ग्रामीण पुरुष और महिला सभी इन्हें भगाने के प्रयास में जुट गए। जिस हाथ जो आया उसे बजाने लगा। महिलाएं लोहे की तगारी लेकर बजाती हुई खेतों में घूमती रही जिससे दल खेत और आसपास के पेड़ पौधे पर नहीं बैठे। इसी प्रकार पुरुष भी ढोल ताशे लेकर इन्हें भगाने का प्रयास करने लगे। पूर्व सरपंच घनश्याम गुर्जर, पुलिस प्रशासन एसआई गोपाल लाल बीट कांस्टेबल शिवकुमार व ग्रामीणों ने ध्वनि प्रदूषण से उनको भगाने के लिए प्रयास करते हुए नजर आए। आंशकित किसानों ने खेतों में लकडि़यां और टायर जलाए जिससे टिड्डी दल यहां नहीं रुके।
आपको बता दें कि टिड्डी दल पर नियंत्रण करने का पारम्परिक और देसी तरीका है। जिसके माध्यम से किसान टिड्डियों पर काबू पाने का प्रयास करते हैं। किसानों का मानना है कि जब तक प्रशासन से मदद नहीं मिलती या फिर एेसी स्थिति जबकि हालात से निबटने के लिए प्रशासन के भारी.भरकम प्रबंध नाकाम हो जाते हैं तो ग्रामीण यह तरीका अपनाते हैं। तेज आवाज के कारण टिड्डियां यहां बैठ नहीं पाती।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि टिड्डियां सर्व भक्षी होती है। एक दल में टिड्डियों की संख्या लाखों तक होती है। यह 15 से 45 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरती है। ये सभी प्रकार की फसलों पेड़.पौधों को चट कर जाती है। ये हवा के रुख के साथ उड़ती है। किसानों को चाहिए कि वे टिड्डी दल नजर आते ही कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचित करें। तीव्र ध्वनि यंत्र जैसे डीजे, माइक, ढोल, थाली आदि बजाएं और इस दौरान सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखें। टिड्डी दल रात में पेड़ों पर पड़ाव डालते हैं, ऐसे में उसे आसानी से नष्ट किया जा सकता है। टिड्डी के प्रकोप से बचाव के लिए साइपरमेथ्रिन या क्लोरोपायरीफेस एक मिली लीटर प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बना कर छिड़काव करें।
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