नुकसान करेगा टिड्डी दल लेकिन जयपुर में नहीं बनाएगा ठिकाना
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है जिले में अभी टिड्डियों के एक छोटा दल ने जयपुर में प्रवेश किया है। हालांकि यह पेड़ पौधों और फसलों को नुकसान करेगा। इनके जयपुर में ठिकाना बनाने के आसार कम है। लेकिन जहां यह दल ठहरेगा वहीं फसलों को नुकसान करेगा। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह दल हवा से आया था और हवा के रुख से ही आगे चला जाएगा। टिड्डियां जयपुर जिले के गांवों में अपना ठिकाना नहीं भी बनाती है तो भी इनके लौट आने का खतरा हमेशा बना रहेगा। आसपास के इलाकों से कभी भी ये टिड्डियां हवा के साथ जयपुर में कभी भी प्रवेश कर सकती है और भारी तबाही मचा सकती है।
टिड्डियों को स्प्रे कर मारने का काम शुरू
कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश के अनुसार 11 अप्रेल को प्रदेश में टिड्डी दलों का प्रवेश हुआ था। अब तक जैसलमेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, नागौर, अजमेर, पाली, बीकानेर, सिरोही और भीलवाड़ा में टिड्डी दल का प्रकोप देखा गया। इसके बाद अब टिड्डी दल के जयपुर जिले के पावटा और कोटपूतली इलाके में पहुंचा और उसके बाद यह दल वहां नहीं रुका और शाम तक जयपुर के समीप जमवारामगढ़-आंधी इलाके में पहुंच गया। जिसके बाद आंधी क्षेत्र में कृषि विभाग के 100 कर्मचारी तैनात किए गए है और इसके साथ ही 25 माउंटेड स्प्रेयर और 5 पानी टैंकर टिड्डी नियंत्रण के लिए भेजे गए है। वहीं आज से टिड्डियों को स्प्रे कर मारने का काम शुरू कर दिया गया है।
अभी जयपुर जिले के आसपास के जिलों में नागौर, झुंझुनूं और सीकर के श्रीमाधोपुर में टिड्डियों का प्रकोप है। इस बार कुछ नए जिलों में भी टिड्डियों के प्रकोप की आशंकाएं है। क्योंकि संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने चेतावनी दी है कि इस बार टिड्डियों का खतरा पिछले साल के मुकाबले 2 से 3 गुना ज्यादा बड़ा होगा। पाक से बाड़मेर होते हुए टिड्डी दल बुधवार को झुंझुनूं के खेतड़ी होकर नीमकाथाना पहुंचा। धूल के गुबार की तरह टिड्डी दल हवा के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है। आधा दर्जन गांवों से होकर पहले टिड्डियां हरियाणा की तरफ बढ़ी और फिर हवा का रुख बदला तो दोपहर को लादीकाबास होते हुए पावटा (जयपुर) में प्रवेश कर गई। अब यह जयपुर होता हुआ मध्य प्रदेश तक पहुंच गया है।