पार्टी को 25 में से लगभग आधी सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर कोई परेशानी नहीं है। जबकि आधी सीटों पर जहां दमदार उम्मीदवार नहीं हैं, वहां बड़े दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतारे जाने को लेकर चर्चा शुरू हुई है।
ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, खान मंत्री प्रमोद जैन भाया, मुख्य सचेतक महेश जोशी व अन्य कुछ मंत्री व विधायकों के नामों को लेकर भी चर्चा हुई। आलाकमान के निर्देश हैं कि राज्य में विधानसभा की तरह ही पूरी ताकत के साथ सभी मिलकर चुनाव लड़ें।
विधानसभा में राज्य और केन्द्रीय स्तर के सभी नेताओं को उतार दिया गया था। उसी तर्ज पर अब लोकसभा में भी किसी भी बड़े नेता को जरूरत के हिसाब से मैदान में उतारा जा सकता है। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक सुबह करीब 11 बजे शुरू हुई और दोपहर 2 बजे तक चली। बैठक का दूसरा दौर शाम 6 बजे शुरू हुआ जो देर रात तक चला।
कांग्रेस के 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड स्थित वॉर रूम में राष्ट्रीय महासचिव संगठन के.सी. वेणु गोपाल की अध्यक्षता में शुरू हुई बैठक में प्रदेश के कई दिग्गज नेता भी पहुंचे। नेता प्रतिपक्ष रहे रामेश्वर डूडी ने नागौर लोकसभा सीट से दावेदारी पेश की, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाडिय़ा ने अपने पुत्र ओमप्रकाश पहाडिय़ा के लिए धौलपुर-करौली और भरतपुर सीट से दावेदारी पेश की।
इसी प्रकार बाड़मेर सीट से राजस्व मंत्री हरीश चौधरी अभी दावेदारी में पीछे नहीं है। यहां भाजपा छोड़ कांग्रेस में आए मानवेन्द्र सिंह की मजबूत दावेदारी मानी जा रही है, लेकिन चौधरी इस सीट पर लगातार दावेदारी बनाए हुए हैं। चौधरी खुद भी स्क्रीनिंग कमेटी में पहुंचे और दावा पेश किया। इसी प्रकार टोंक-सवाई माधोपुर सीट पर पूर्व मंत्री नमोनारायण मीणा की दावेदारी पहले से ही मजबूत मानी जा रही है, लेकिन उन्होंने कमेटी की बैठक के बीच में पहुंचकर अपना पक्ष रखा।
बताया जा रहा है कि झालावाड़-बांरा सीट को लेकर खान मंत्री प्रमोद जैन भाया का नाम और जयपुर सीट को लेकर महेश जोशी का नाम चर्चा में आया। लेकिन ये दोनों नेता दिल्ली में नजर नहीं आए। बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डे और प्रभारी सचिव मौजूद थे। सभी ने नेताओं की दावेदारी को सुना और रिपोर्ट राहुल गांधी को भेजने के आश्वासन दिए।
सुबह स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक चल रही थी तो प्रभारी सचिव विवेक बंसल चर्चा में रुचि नहीं ले रहे थे। उनकी नाराजगी की वजह उन्हें उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से टिकट नहीं मिलना बताया जा रहा है। उनका तर्क था कि राजस्थान में सरकार बनवाने में उनका भी अहम रोल था। फिर भी उनका टिकट काट दिया गया। बाद में सभी नेताओं ने उन्हें मनाया। ऐसे में बैठक में काफी देर व्यवधान रहा।
कई सीटों पर भारी गुटबाजी
भीलवाड़ा सीट पर कांग्रेस को भारी गुटबाजी का सामना करना पड़ रहा है। इस सीट पर कई दावेदार हैं। एआइसीसी सचिव धीरज गुर्जर भी बैठक के दौरान पहुंचे और भीलवाड़ा सीट से दावेदारी पेश की। बताया जा रहा है कि इस सीट पर गुटबाजी चरम पर है। ऐसे में पार्टी विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के नाम पर गंभीरता से विचार कर रही है। माना जा रहा है कि यहां जोशी के नाम पर सभी नेता एकराय हो सकते हैं।
जीतने वाले बड़े चेहरे को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा। अब स्क्रीनिंग कमेटी का काम पूरा हो गया है। उम्मीदवारों का पैनल तैयार कर केन्द्रीय चुनाव समिति को भेजा जाएगा।
-अविनाश पांडे, प्रदेश प्रभारी।