आमने-सामने दो ओलम्पियन
जयपुर ग्रामीण सीट पर 2004 के एथेंस ओलम्पिक में निशानेबाजी की डबल ट्रैप स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाले राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और ओलम्पिक में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी डिस्कस थ्रो एथलीट कृष्णा पूनिया में मुकाबला है। हालांकि दोनों के लिए राजनीति का अनुभव नया नहीं है। राज्यवर्धन 2014 में जयपुर ग्रामीण से भाजपा से सांसद बने थे, वहीं कृष्णा पूनिया गत वर्ष विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से सादुलपुर से विधायक चुनी गईं। इससे पहले वह 2013 में सादुलपुर से चुनाव हार गई थीं।
जयपुर ग्रामीण सीट पर 2004 के एथेंस ओलम्पिक में निशानेबाजी की डबल ट्रैप स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाले राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और ओलम्पिक में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी डिस्कस थ्रो एथलीट कृष्णा पूनिया में मुकाबला है। हालांकि दोनों के लिए राजनीति का अनुभव नया नहीं है। राज्यवर्धन 2014 में जयपुर ग्रामीण से भाजपा से सांसद बने थे, वहीं कृष्णा पूनिया गत वर्ष विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से सादुलपुर से विधायक चुनी गईं। इससे पहले वह 2013 में सादुलपुर से चुनाव हार गई थीं।
फिल्मी हस्तियों में रोचक मुकाबला
पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट पर सिनेमा के दो कलाकारों में मुकाबला है। भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद और गायक बाबुल सुप्रियो को उतारा है तो तृणमूल कांग्रेस ने अभिनेत्री मुनमुन सेन पर दांव खेला है। सुप्रियो ने 2014 के चुनाव में आसनसोल सीट पर भाजपा की जीत का खाता खोला था। वहीं मुनमुन सेन ने गत चुनाव में बांकुरा संसदीय क्षेत्र में माकपा के गढ़ को ध्वस्त कर पहली बार तृणमूल कांग्रेस को जीत दिलाई थी। ऐसे में अब आसनसोल सीट पर दोनों के बीच करीबी मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है।
यही नहीं, पहले चरण में मतदान सम्पन्न हो चुके कर्नाटक की मंड्या सीट पर जद (एस) से कन्नड़ फिल्म अभिनेता व कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के पुत्र निखिल गौडा प्रत्याशी रहे। उनको टक्कर देने के लिए दक्षिण भारतीय फिल्मों की अभिनेत्री सुमालता ने निर्दलीय चुनाव लड़ा।
पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट पर सिनेमा के दो कलाकारों में मुकाबला है। भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद और गायक बाबुल सुप्रियो को उतारा है तो तृणमूल कांग्रेस ने अभिनेत्री मुनमुन सेन पर दांव खेला है। सुप्रियो ने 2014 के चुनाव में आसनसोल सीट पर भाजपा की जीत का खाता खोला था। वहीं मुनमुन सेन ने गत चुनाव में बांकुरा संसदीय क्षेत्र में माकपा के गढ़ को ध्वस्त कर पहली बार तृणमूल कांग्रेस को जीत दिलाई थी। ऐसे में अब आसनसोल सीट पर दोनों के बीच करीबी मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है।
यही नहीं, पहले चरण में मतदान सम्पन्न हो चुके कर्नाटक की मंड्या सीट पर जद (एस) से कन्नड़ फिल्म अभिनेता व कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के पुत्र निखिल गौडा प्रत्याशी रहे। उनको टक्कर देने के लिए दक्षिण भारतीय फिल्मों की अभिनेत्री सुमालता ने निर्दलीय चुनाव लड़ा।
सियासी रण में भिड़े ‘काका’ और ‘शॉटगन’
‘काका’ के नाम से मशहूर बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना और ‘शॉटगन’ शत्रुघ्न सिन्हा भी सियासी रण में एक-दूसरे के खिलाफ उतरे थे। 1992 में नई दिल्ली लोकसभा सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राजेश खन्ना के सामने भाजपा ने शत्रुघ्न सिन्हा को उतारा था। खन्ना ने सिन्हा को 28,256 वोटों के अंतर से हराया था। यह शत्रुघ्न सिन्हा का पहला चुनाव था। दोनों अभिनेता अच्छे दोस्त थे, मगर इस चुनाव ने उनके बीच कड़वाहट पैदा कर दी। इससे पहले राजेश खन्ना 1991 के चुनाव में भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी से 1589 वोटों से हार गए थे।
शत्रुघ्न एक बार नहीं, तीन बार अपने पेशे से जुड़े शख्स के खिलाफ चुनाव लड़े। दूसरी बार उनके सामने 2009 में पटना साहिब सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अभिनेता शेखर सुमन थे। यहां शत्रुघ्न जीते और शेखर तीसरे स्थान पर रहे। 2014 में शत्रुघ्न के सामने एक बार फिर फिल्म कलाकार था। इस बार पटना साहिब सीट पर उनके सामने कांग्रेस उम्मीदवार भोजपुरी अभिनेता कुणाल सिंह थे, लेकिन जीते शत्रुघ्न ही। शत्रुघ्न इस बार भी इसी सीट से उम्मीदवार हैं, लेकिन अब उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।
भाजपा की ‘किरण’ के सामने आप हुई ‘गुल’
वर्ष 2014 में अभिनेत्री किरण खेर भाजपा के टिकट पर चंडीगढ़ सीट से चुनाव में उतरीं। आप ने उनके सामने पूर्व मिस इंडिया और अभिनेत्री गुल पनाग को टिकट दिया। दो अभिनेत्रियों के मुकाबले में किरण ने बाजी मारी। गुल तीसरे स्थान पर रही। किरण अब एक बार फिर चंडीगढ़ से ही भाजपा उम्मीदवार हैं।
अभिनेता-निर्देशक महेश मांजरेकर लोकसभा चुनाव 2014 में मुंबई उत्तर पश्चिम सीट पर मनसे की ओर से चुनाव लड़े। इसी सीट पर अभिनेत्री राखी सावंत राष्ट्रीय आम पार्टी से चुनाव में उतरी थीं। महेश जहां तीसरे स्थान पर रहे, वहीं राखी जमानत भी नहीं बचा पाई।
‘काका’ के नाम से मशहूर बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना और ‘शॉटगन’ शत्रुघ्न सिन्हा भी सियासी रण में एक-दूसरे के खिलाफ उतरे थे। 1992 में नई दिल्ली लोकसभा सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राजेश खन्ना के सामने भाजपा ने शत्रुघ्न सिन्हा को उतारा था। खन्ना ने सिन्हा को 28,256 वोटों के अंतर से हराया था। यह शत्रुघ्न सिन्हा का पहला चुनाव था। दोनों अभिनेता अच्छे दोस्त थे, मगर इस चुनाव ने उनके बीच कड़वाहट पैदा कर दी। इससे पहले राजेश खन्ना 1991 के चुनाव में भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी से 1589 वोटों से हार गए थे।
शत्रुघ्न एक बार नहीं, तीन बार अपने पेशे से जुड़े शख्स के खिलाफ चुनाव लड़े। दूसरी बार उनके सामने 2009 में पटना साहिब सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अभिनेता शेखर सुमन थे। यहां शत्रुघ्न जीते और शेखर तीसरे स्थान पर रहे। 2014 में शत्रुघ्न के सामने एक बार फिर फिल्म कलाकार था। इस बार पटना साहिब सीट पर उनके सामने कांग्रेस उम्मीदवार भोजपुरी अभिनेता कुणाल सिंह थे, लेकिन जीते शत्रुघ्न ही। शत्रुघ्न इस बार भी इसी सीट से उम्मीदवार हैं, लेकिन अब उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।
भाजपा की ‘किरण’ के सामने आप हुई ‘गुल’
वर्ष 2014 में अभिनेत्री किरण खेर भाजपा के टिकट पर चंडीगढ़ सीट से चुनाव में उतरीं। आप ने उनके सामने पूर्व मिस इंडिया और अभिनेत्री गुल पनाग को टिकट दिया। दो अभिनेत्रियों के मुकाबले में किरण ने बाजी मारी। गुल तीसरे स्थान पर रही। किरण अब एक बार फिर चंडीगढ़ से ही भाजपा उम्मीदवार हैं।
अभिनेता-निर्देशक महेश मांजरेकर लोकसभा चुनाव 2014 में मुंबई उत्तर पश्चिम सीट पर मनसे की ओर से चुनाव लड़े। इसी सीट पर अभिनेत्री राखी सावंत राष्ट्रीय आम पार्टी से चुनाव में उतरी थीं। महेश जहां तीसरे स्थान पर रहे, वहीं राखी जमानत भी नहीं बचा पाई।
यहां सेलिब्रिटी के नेतृत्व में पार्टियों में टक्कर
दक्षिण भारत में फिल्म सेलेब्रिटी के नेतृत्व वाली पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ती रही हैं। दक्षिण भारतीय फिल्मों की अभिनेत्री रहीं जे. जयललिता, पटकथा लेखक एम. करुणानिधि, और अभिनेता-फिल्मकार एमजी रामचन्द्र कई दफा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे। रामचन्द्र और जयललिता की पार्टी अन्नाद्रमुक और करुणानिधि की द्रमुक एक-दूसरे के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ते रहे।
दक्षिण भारत में फिल्म सेलेब्रिटी के नेतृत्व वाली पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ती रही हैं। दक्षिण भारतीय फिल्मों की अभिनेत्री रहीं जे. जयललिता, पटकथा लेखक एम. करुणानिधि, और अभिनेता-फिल्मकार एमजी रामचन्द्र कई दफा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे। रामचन्द्र और जयललिता की पार्टी अन्नाद्रमुक और करुणानिधि की द्रमुक एक-दूसरे के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ते रहे।