अध्यक्ष बिरला सदन में कुछ सांसदों के व्यवहार से खासे नाराज दिखे। कांग्रेस (
Congress ) के गौरव गोगोई हंगामे को लेकर सफाई दे रहे थे। गोगोई ने कहा कि विपक्ष चाहता था कि उन्नाव मामले में सरकार जवाब दें। इसके बदले में सरकार की ओर से आक्रमक भाषा और राजनीतिक टिप्पणी आई। इसका कांग्रेस सांसदों ने खड़े होकर विरोध किया। इस पर बिरला ने पूछा कि राजनीतिक टिप्पणी के बाद किसी सदस्य का वेल में आकर धमकाना कहां तक ठीक है।
उन्होंने कहा कि एक आचार संहिता बननी चाहिए, गंभीर टिप्पणी का जवाब गंभीर टिप्पणी से करें और असंसदीय होगा तो इसको रिकॉर्ड में नहीं जाने की जिम्मेदारी मेरी होगी, लेकिन राजनीतिक टिप्पणी के बाद वेल में आएं ऐसा नहीं करना चाहिए। पहले भले ही ऐसा होता होगा, लेकिन अब सभी से उम्मीद है कि वे ऐसा नहीं करेंगे।
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लोकसभा में दिखने लगी राजस्थान के बिड़ला की छाप, बढ़ी काम की रफ्तार, दो दिन में लिए 18 सवाल नहीं तो सदन से बाहर कर देंगे बिरला जिस दौरान सांसदों को समझा रहे थे, उसी समय एक सांसद ने कुछ टिप्पणी की। इसके जवाब में बिरला ने कहा कि आप मुझे बैठे-बैठे आदेश मत दिया करें, इनको बुला लो …उनको बुला लो। बैठकर आदेश देने की व्यवस्था को बंद कर दो, नहीं तो मैं आपको सदन से बाहर निकालने के लिए कह दूंगा।