इस वीडियो के मुताबिक आरएसएस के फाउंडर केबी हेडगेवार ( RSS founder Hedgewar ) ने आदेश दिया था कि संघ सत्याग्रह में शामिल नहीं होगा। वीडियो के दूसरे पोस्ट में कहा गया है कि संघ लीडर्स ने अपने मेंबर्स को ब्रिटिश सिविक गार्ड ज्वाइन के लिए प्रेरित किया था। आरएसएस ने भारत की स्वतंत्रता में हिस्सा नहीं लिया था। उन्होंने ब्रिटिशर्स का साथ दिया। वीडियो में आरएसएस पर सवालिया निशान लगाते हुए इसे एंटी नेशनल मंच तक कह दिया गया है। आरएसएस पर यह आरोप भी लगाया गया है कि उसने भारत के राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार नहीं किया।
वीडियो में महात्मा गांधी को नाथूराम गोडसे के गोली मारने के एक समाचार की न्यूज को भी शामिल किया गया है। इसके साथ ही आरएसएस पर हमला बोलते हुए उसे उदारीकरण की खिलाफत करने वाला बताया गया है। इतना ही नहीं, वीडियो में यह तक कहा गया है कि आरएसएस ने प्रधानमंत्री मोदी को देश में सर्वाइकल कैंसर की वैकसीन रोकने के लिए प्रेरित किया। अन्य कई आरोप भी लगाए गए हैं। आपको बता दें कि वीडियो के आखिर में आरएसएस को एंटी डवलपमेंट बताया गया है। साथ ही कहा गया है कि जब हम देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे थे, तब आरएसएस इसके खिलाफ लड़ रहा था।