पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इस सीट का विवाद अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक पहुंचाया गया है। किरोड़ी लाल मीणा अभी तक पार्टी ने जितने भी प्रत्याशियों पर चर्चा की है, उनमें से किसी भी नाम पर राजी नहीं हैं। मीणा का भी इस सीट पर दावा बना हुआ है और इसी वजह से इस सीट पर नाम तय नहीं हो पा रहा है। किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी पूर्व मंत्री गोलमा देवी ने भी इस सीट पर दावेदारी कर रखी है। इसके अलावा ओम प्रकाश हुड़ला की पत्नी प्रेम प्रकाश, पूर्व सांसद जसकौर मीणा, रामकिशोर मीणा, एक सेवानिवृत्त आइएएस के नाम पर पार्टी कई बार चर्चा कर चुकी है, लेकिन एक नाम पर सभी पक्ष सहमत नहीं हो रहे हैं।
विधानसभा चुनावों में भी आखिरी तक चला विवाद दौसा और सवाईमाधोपुर जिले की सीटों को लेकर विधानसभा चुनावों में भी आखिरी दौर तक विवाद चला। उस समय भी किरोड़ी लाल मीणा अपने भतीजे और पत्नी को टिकट दिलाने पर आखिरी समय तक अड़े रहे। दिल्ली में वे अमित शाह से भी मिले और आखिर में किरोड़ी लाल मीणा की जीत भी हुई, लेकिन चुनाव परिणाम उनके पक्ष में नहीं रहे। लोकसभा चुनावों में भी किरोड़ी लाल मीणा दौसा लोकसभा सीट पर दावा छोडऩे को तैयार नहीं हैं। पार्टी के सामने समस्या यह है कि वे पुराने संघी हैं और भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता हैं। उनका अपना एक आधार भी है। ऐसे में उनको दरकिनार कर कैसे टिकट तय किया जाए।
पूर्व मुख्यमंत्री से भी रिश्ते ठीक नहीं
विधानसभा चुनावों के समय से ही किरोड़ी लाल मीणा के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से रिश्ते ठीक नहीं बताए जा रहे हैं। उस समय भी निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुड़ला को लेकर दोनो के बीच काफी विवाद रहा और यह गहराता ही गया।
विधानसभा चुनावों के समय से ही किरोड़ी लाल मीणा के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से रिश्ते ठीक नहीं बताए जा रहे हैं। उस समय भी निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुड़ला को लेकर दोनो के बीच काफी विवाद रहा और यह गहराता ही गया।