— बाड़मेर भारत पाक सीमा ( Indo Pak border in Rajasthan ) से सटा लोकसभा क्षेत्र है।
— सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र, इसलिए प्रधानमंत्री की चुनावी सभा काफी मायने रखती है।
— मारवाड़ की इस सीट का असर प्रदेशभर में पिछले समय से होने लगा है।
— यहां जातिगत समीकरण और सियासत इतनी गहराती है कि जिसका प्रभाव पूरे राज्य में देखने को मिलता है।
अब आपको बता दें कि मोदी कब कब यहां पहुंचे
1. विधानसभा चुनाव 2008 में शिव से भाजपा प्रत्याशी रहे जालमसिंह की सभा में गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए आए
2. 12 अप्रेल 2014 को मोदी यहां लोकसभा चुनाव में स्टार प्रचारक के तोर पर बालोतरा आए
3. 16 जनवरी 2017 को रिफाइनरी ( Barmer Refinery Rajasthan ) के कार्य शुभांरभ पर पचपदरा आए
अब जानते हैं 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी ने क्या वादे किए थे
-नदियों को नदियों से जोड़ा जाएगा
-कच्छ के रण की तरह रेगिस्तान का होगा विकास
-रेगिस्तान में कमल खिला तो यहां आम उगेंगे
-गुजरात में बाड़मेर के युवा पढ़ सकेंगे पेट्रो केमिकल विषय
-पाक विस्थापितों को मिलेगी यहां पूरी सुविधाएं
-नदियों को नदियों से जोड़ा जाएगा
-कच्छ के रण की तरह रेगिस्तान का होगा विकास
-रेगिस्तान में कमल खिला तो यहां आम उगेंगे
-गुजरात में बाड़मेर के युवा पढ़ सकेंगे पेट्रो केमिकल विषय
-पाक विस्थापितों को मिलेगी यहां पूरी सुविधाएं
बाड़मेर एक नजर में
-लोकसभा क्षेत्र पाकिस्तान से सटा हुआ है
-लोकसभा क्षेत्र रेगिस्तानी इलाका है, जहां मूलभूत समस्या पेयजल की है
-प्रदेश की पहली रिफाइनरी बाड़मेर में लगनी है, जिसका कार्य शुभारंभ प्रधानमंत्री ने किया था।
-पिछला चुनाव यहां भाजपा से बगावत कर वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह ने लड़ा था और इस बार उनके पुत्र मानवेंद्र सिंह कांग्रेस के प्रत्याशी हैं, जिन्होंने विधानसभा चुनावों में भाजपा छोड़ी थी
-लोकसभा क्षेत्र पाकिस्तान से सटा हुआ है
-लोकसभा क्षेत्र रेगिस्तानी इलाका है, जहां मूलभूत समस्या पेयजल की है
-प्रदेश की पहली रिफाइनरी बाड़मेर में लगनी है, जिसका कार्य शुभारंभ प्रधानमंत्री ने किया था।
-पिछला चुनाव यहां भाजपा से बगावत कर वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह ने लड़ा था और इस बार उनके पुत्र मानवेंद्र सिंह कांग्रेस के प्रत्याशी हैं, जिन्होंने विधानसभा चुनावों में भाजपा छोड़ी थी