कांग्रेस ने पहले दौर की बैठक में आधी सीटों पर चर्चा की। बाद में रात तक चली बैठक में सभी सीटों के उम्मीदवारों के नाम पर मंथन कर लिया गया। जिन सीटों पर जातिगत व अन्य कारणों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं थी, वहां के नेताओं से बैठक के दौरान ही चर्चा की गई। आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों से भी फीडबैक ले लिया गया है। उन्हें भाजपा के उम्मीदवारों के चयन के बाद बदलाव कर मैदान में उतारे जाने के लिए कह दिया गया है। खास बात यह है कि कांग्रेस के अब तक तय किए नामों में दर्जनभर पर परिवारवाद की छाया नजर आ रही है। जहां पुराने बड़े नेताओं का टिकट काटा जा रहा है, वहां उनके पुत्र, पुत्री, पत्नी या फिर पोते को उम्मीदवारी के लिए चुना गया है।
यूं बनी नामों पर सहमति…
कांग्रेस ने पहले जिलों में उम्मीदवारों के लिए पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से नाम लिए। उसके बाद हर लोकसभा सीट के कार्यकर्ताओं से मुख्यमंत्री निवास पर बैठकें कर फीडबैक व नाम लिया। फिर दिल्ली में लगातार तीन दिन प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट और अविनाश पाण्डे ने हर लोकसभा के बड़े पदाधिकारियों को बुलाकर नामों पर चर्चा की। चर्चा में आए नामों पर जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ पाण्डे और पायलट ने मंथन किया। फिर स्क्रीनिंग कमेटी की दिल्ली में बैठकें हुई। इसके बाद गहलोत के जयपुर निवास पर फिर चर्चा हुई। उसके बाद रविवार को दिल्ली में दो दौर में स्क्रीनिंग कमेटी की चली बैठकों के बाद सिंगल नाम के पैनल बनाए गए। हालांकि 5 से 6 सीटों पर तय किया गया है कि भाजपा उम्मीदवारों को देख चर्चा करेंगे और नामों में बदलाव भी संभव है। ऐसे में एक नाम तय कर दूसरा रिजर्व में रखा गया है।
कांग्रेस ने पहले जिलों में उम्मीदवारों के लिए पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से नाम लिए। उसके बाद हर लोकसभा सीट के कार्यकर्ताओं से मुख्यमंत्री निवास पर बैठकें कर फीडबैक व नाम लिया। फिर दिल्ली में लगातार तीन दिन प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट और अविनाश पाण्डे ने हर लोकसभा के बड़े पदाधिकारियों को बुलाकर नामों पर चर्चा की। चर्चा में आए नामों पर जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ पाण्डे और पायलट ने मंथन किया। फिर स्क्रीनिंग कमेटी की दिल्ली में बैठकें हुई। इसके बाद गहलोत के जयपुर निवास पर फिर चर्चा हुई। उसके बाद रविवार को दिल्ली में दो दौर में स्क्रीनिंग कमेटी की चली बैठकों के बाद सिंगल नाम के पैनल बनाए गए। हालांकि 5 से 6 सीटों पर तय किया गया है कि भाजपा उम्मीदवारों को देख चर्चा करेंगे और नामों में बदलाव भी संभव है। ऐसे में एक नाम तय कर दूसरा रिजर्व में रखा गया है।