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पूरी ताकत से जुटे रहे पायलट, दस राज्यों की उड़ान, राजस्थान में हर सीट पर पहुंचे तीन बार

locationजयपुरPublished: May 18, 2019 10:17:31 pm

लोकसभा चुनाव 2019

sachin pilot

पूरी ताकत से जुटे रहे पायलट, दस राज्यों की उड़ान, राजस्थान में हर सीट पर पहुंचे तीन बार

जयपुर। राजस्थान में अपने नेतृत्व में पार्टी को विधानसभा चुनाव जिताने के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) लोकसभा चुनाव ( Loksabha Election ) में भी पूरी ताकत से जुटे रहे। युवा नेता के तौर पर देश के दस राज्यों में प्रचार के बीच राजस्थान की हर संसदीय सीट पर उन्होंने औसतन तीन चुनावी सभाएं कीं। चुनाव के दौरान उन्होंने हर दिन कम से कम दो सभाएं, रोड शो किए।

दो महीने में 128 चुनावी सभाएं कीं
पायलट राजस्थान समेत दस राज्यों में कांग्रेस के प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे। डेढ़ महीने के भीतर पायलट राजस्थान की सभी 25 सीटों पर प्रचार करने पहुंचे और हर सीट पर औसतन चार बार उनके कार्यक्रम हुए। उन्होंने राजस्थान में 106 चुनावी सभाएं कीं, जबकि प्रदेश के बाहर 22 जगह पहुंचे।
आगाज सीकर से, आखिरी सभा कोलकाता में
पायलट ने 14 मार्च को सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ से चुनावी सभाओं का आगाज किया। आखिरी सभा 15 मई को उन्होंने पश्चिम बंगाल के कोलकता में की। इसके अलावा उत्तरप्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, तेलंगाना में सभाओं को संबोधित किया। वह सहारनपुर, शामली, उत्तरकाशी, हरिद्वार, छवेला, लातूर, मोरदाबाद, टिहरी गढ़वाल, कोलकाता, मुरैना, भोपाल, दिल्ली, कुरुक्षेत्र, गुरुग्राम, राजगढ़ आदि सीटों पर प्रचार करने पहुंचे।
सतत दौरे
चुनाव प्रचार के दौरान पायलट का काफी व्यस्त कार्यक्रम रहा। राजस्थान में 29 अप्रेल और 6 मई को मतदान हुआ था। इससे पहले पायलट के पास राजस्थान में प्रचार का जिम्मा था। यही वजह है कि 5 अप्रेल को उन्होंने गुजरात सीमा पर पाली में सभा की। वहां से वह उसी दिन उड़ान भरकर उत्तरप्रदेश के सहारनपुर और शामली में सभा करने पहुंच गए। इसी तरह 19 अप्रेल को कोटा में चुनावी कार्यक्रम के बाद मोरदाबाद पहुंचे।

इसलिए पायलट की डिमांड
जानकारों का कहना है कि पायलट युवा होने के साथ हिन्दी और अंग्रेजी के अच्छे वक्ता भी हैं। यही वजह है कि हिन्दी भाषी इलाकों के साथ तेलंगाना और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में पार्टी में उनकी मांग रही।
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