सांगानेर निवासी पायल जैन छिपो का मोहल्ला में अपनी 4 दिन की बेटी को साथ लेकर वोट डालने डालने पहुंची। पायल का कहना था कि थोड़ी देर की परेशानी की वजह से अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हट सकती, इसलिए अपनी बेटी के साथ मतदान करने आई हूं।
बड़ी संख्या में विकलांग भी पहुंचे वोट देने जयपुर में बड़ी संख्या में वोट देने विकलांग भी पहुंच रहे हैं। निर्वाचन विभाग ने उनकी सुविधा के लिए व्हील चेयर भी लगा रखी हैं। फिर भी कई बूथों पर व्हील चेयर नहीं होने से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं कई जगह लकवाग्रस्त मरीज भी मतदान केन्द्रों पर वोट देते नजर आए।
मोबाइल इस्तेमाल पर लताड़ा जोशी मार्ग स्थित स्कूल में मतदान के समय युवाओं ने जब मोबाइल का इस्तेमाल किया, तो वहां ड्यूटी पर तैनात जवान ने उन्हें लताड़ा। जवान ने उन्हें कहा मोबाइल का इस्तेमाल खतरनाक है। इससे मैं कई साथियों को खो चुका हूं। बूथ पर किसी को मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करने दूंगा। गौरतलब है कि निर्वाचन विभाग ने भी बूथ पर मोबाइल इस्तेमाल पर पाबंदी लगा रखी है।
उम्रदराज महिलाएं भी पीछे नहीं उम्रदराज महिलाएं भी इसमें पीछे नहीं हैं। इन महिलाओं का कहना है कि वो चाहें उम्र के आखिरी पड़ाव पर हैं, लेकिन अपने अधिकार और कर्तव्य को नहीं भूली और वोट ड़ालने पहुंची। कोई अपने बेटे के साथ तो कोई पोते के साथ मतदान करने पहुंची। यही नहीं उम्रदराज महिलाएं ये महिलाएं लोगों को मतदान करने के लिए भी प्रेरित करती नजर आई। उनका कहना था चाहे कोई भी काम कितना महत्वपूर्ण क्यों न हो, सभी काम छोड़ पहले मतदान करना चाहिए। 90 वर्षीय दाखा देवी वोट डालने के बाद बोली ‘सबको वोट डालना चाहिए। आदर्श नगर निवासी 88 वर्षीय श्रीमती सुधा नाहटा ने भी वोट डाला। वहीं 82 वर्षीय पार्वती सैनी अपने पोते के साथ वोट डालने पहुंची, उधर खातीपुरा में अस्सी वर्षीय सोहन कंवर ने मतदान किया।