दावा है कि कम घनत्व वाले रेल नेटवर्क में दुर्घटना रोकने के लिए यह सिस्टम अद्भुत सुरक्षा प्रणाली के तौर पर साबित होगा। वर्तमान में उत्तर-पश्चिम रेलवे पर ऐसी कोई प्रणाली उपलब्ध नहीं है। जिससे ड्राइवर ( लोको पायलट) एवं गार्ड और परिचालन से संबंधित स्टाफ के मध्य सीधा संवाद हो सके।
इस तरह करेगा काम
यह तकनीक मोबाइल ट्रेन रेडियो संपर्क आधारित 4-जी प्रणाली है। इसके तहत एक ट्रैक पर दूसरी ट्रेन के आने या सिग्नल में चूक होने की स्थिति में अचानक ट्रेन के ड्राइवर, गार्ड, स्टेशन मास्टर समेत परिचालन से जुड़े अन्य लोगों को सूचना मिल जाएगी। अचानक ब्रेक लगाकर हादसे को रोका जा सकेगा।
यह तकनीक मोबाइल ट्रेन रेडियो संपर्क आधारित 4-जी प्रणाली है। इसके तहत एक ट्रैक पर दूसरी ट्रेन के आने या सिग्नल में चूक होने की स्थिति में अचानक ट्रेन के ड्राइवर, गार्ड, स्टेशन मास्टर समेत परिचालन से जुड़े अन्य लोगों को सूचना मिल जाएगी। अचानक ब्रेक लगाकर हादसे को रोका जा सकेगा।
इन रेलमार्ग पर लगेगा
उत्तर-पश्चिम रेलवे के बी एवं डी रूट रेवाड़ी से 1563 किलोमीटर क्षेत्र में पालनपुर, जयपुर से सवाईमाधोपुर, जोधपुर से मारवाड़ जंक्शन, बैरछा से उदयपुर, अजमेर से डेट, फुलेरा से जोधपुर, मदार से दौराई, मदार से पुष्कर, मावली से नाथद्वारा को शामिल किया गया है।
उत्तर-पश्चिम रेलवे के बी एवं डी रूट रेवाड़ी से 1563 किलोमीटर क्षेत्र में पालनपुर, जयपुर से सवाईमाधोपुर, जोधपुर से मारवाड़ जंक्शन, बैरछा से उदयपुर, अजमेर से डेट, फुलेरा से जोधपुर, मदार से दौराई, मदार से पुष्कर, मावली से नाथद्वारा को शामिल किया गया है।