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कई ट्रेनों में यात्री भार नाम मात्र, फिर कन्फर्म नहीं हो रही टिकट, बुजुर्ग-महिला यात्री परेशान

locationजयपुरPublished: Sep 16, 2020 06:07:32 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

कोरोना काल में बेपटरी हुआ रेल यातायात स्पेशल ट्रेनों की संख्या में इजाफा होने से पटरी पर आने लगा है। इससे जहां कई ट्रेनों में यात्री भार बढ़ा हैं तो कई ट्रेनों की बोगियां नाममात्र यात्रियों को लेकर ही दौड़ रही है।

Long waiting list in empty trains

कोरोना काल में बेपटरी हुआ रेल यातायात स्पेशल ट्रेनों की संख्या में इजाफा होने से पटरी पर आने लगा है। इससे जहां कई ट्रेनों में यात्री भार बढ़ा हैं तो कई ट्रेनों की बोगियां नाममात्र यात्रियों को लेकर ही दौड़ रही है।

देवेंद्र सिंह राठौर/जयपुर। कोरोना काल में बेपटरी हुआ रेल यातायात स्पेशल ट्रेनों की संख्या में इजाफा होने से पटरी पर आने लगा है। इससे जहां कई ट्रेनों में यात्री भार बढ़ा हैं तो कई ट्रेनों की बोगियां नाममात्र यात्रियों को लेकर ही दौड़ रही है। हैरत की बात है कि कम यात्री भार वाली ट्रेनों में टिकट बुक कराने पर रिजर्वेशन में भी कतारें मिल रही है। इनके खाली होने के बाद भी वेटिंग लिस्ट कम नहीं होती है।
कई बार यात्री सफर करने से चूक जाते हैं। इन दिनों जयपुर जंक्शन से संचालित होने वाली आश्रम एक्सप्रेस समेत कई परीक्षा स्पेशल ट्रेनों में भी ऐसा देखने को मिला। स्थिति यह है कि सिटीजन कोटे में सैकंड सीटिंग श्रेणी में सात दिन बाद भी 20 वेटिंग क्लियर नहीं हो रही है।
स्लीपर श्रेणी की तो बात ही अलग है। पूछने पर पता चलता है कि जयपुर से उक्त ट्रेन में महज 70 यात्री ही रवाना हुए है। इसके अलावा हावड़ा सुपरफास्ट, मैसूर, मुंबई सुपरफास्ट समेत कई ट्रेनों में आगामी सात दिन तक वेटिंग लिस्ट 100 पार चल रही है।
रेलवे का तर्क

स्टेशनों का होता है कोटा, धीरे चलता सिस्टम
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि स्टेशन के हिसाब से कोटा होता है। ट्रेन जहां से शुरू होती हैं, वहां ज्यादा सीटें होती हैं फिर जैसे-जैसे स्टेशन बढ़ते जाते हंै, सीटें कम हो जाती हैं। कई बार स्टेशन के कोटे से टिकट कंफर्म नहीं हो पाती है। सामने आया कि बुकिंग कार्यालय में सिस्टम भी धीरे चलता है, इस बीच दलाल फायदा उठा जाते हैं।
इधर, दलाल सक्रिय

जवानों को बना रहे बुजुर्ग, छोटे स्टेशनों पर निशाना
अनलॉक में सरकार लगातार बंदिश हटा रही है। इससे खासकर प्रवासी मजदूर पेट की खातिर दोबारा घर से लौटना शुरू हो गए हैं। कम ट्रेनों के संचालन को देखते हुए दलाल सतर्क हो गए हैं। वह सीनियर सिटीजन कोटे में उम्र बदलकर टिकट बना रहे है। हाल हीं में जयपुर मंडल में ऐसे एक दर्जन यात्री पकड़े हैं।
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