बोर्ड मुख्यालय सूत्रों के अनुसार बोर्ड की दसवीं एवं बारहवीं कक्षा के लिए प्रदेश में करीब 21 लाख 58 हजार परीक्षार्थी परीक्षा में बैठने वाले थे और बोर्ड प्रबंधन परीक्षाओं की लगभग पूरी तैयारी कर चुका था। बोर्ड अध्यक्ष डॉ. डीपी जारोली ने करीब डेढ़ माह पहले ही बोर्ड की सभी तैयारियों का हवाला देते हुए परीक्षा समय पर आयोजित करने की बात कही थी।
प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भी परीक्षा कराने की मंशा जाहिर की थी और राज्य के सभी परीक्षार्थी तैयारियों में जुटे हुए थे। कोरोना के चलते केंद्र सरकार ने सीबीएसई की परीक्षा को रद्द कर देने एवं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए परीक्षा न कराए जाने पर विचार करने का सुझाव देने के बाद राज्य सरकार ने भी बोर्ड की परीक्षाएं रद्द कर दी। इससे बोर्ड की परीक्षा की सभी तैयारियां धरी रह गई।
करोड़ों रुपए के प्रश्नपत्र व उत्तर पुस्तिकाएं चूंकि वर्ष विशेष के हिसाब से छपाई जाती है, बेकार हो गई। हालांकि अब परीक्षाएं नहीं होने से बोर्ड प्रबंधन को राज्य भर में कोई व्यवस्था नहीं करनी होगी। परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाओं की जांच, परिणामों की तैयारी, परीक्षा बाद मूल्यांकन आदि कार्य नहीं करने से बोर्ड को फायदा भी होगा। प्रश्नपत्र व उत्तर पुस्तिका पहुंचाने से लेकर परीक्षा केंद्र से वापस मंगवाने का परिवहन खर्च भी बचा है। अब राज्य भर के परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों की निगाहें सरकार अथवा बोर्ड के द्वारा तय किए जाने वाले’ प्रमोशन फार्मूले’ पर टिकी है।