ऐसे हुआ शोध
इस शोध में ज्यूरिख यूनिवर्सिटी और उटाह यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने भी भाग लिया। इस शोध में 6,00,000 डॉलर का खर्चा आया और 17000 पर्स बैंकों, थिएटर, म्यूजियम, पोस्ट ऑफिस, होटल, पुलिस स्टेशन, अदालतों के आसपास गिराए गए। हर पर्स में एक ग्रोसरी लिस्ट, चाबी, तीन स्थानीय भाषा में लिखे बिजनेस कार्ड थे। कुछ पर्स में पैसे रखे गए, जबकि कुछ में 13.45 डॉलर डाले गए, जो देश की परचेजिंग पावर के अनुसार एडजस्ट किए गए। अमरीका, इंगलैंड और पोलेंड में तो 94.15 डॉलर डालर एक्सपेरिमेंट फिर से किए गए, जिससे पता चला कि ज्यादा पैसे होने पर उसके मिलने की रिपोर्ट दर्ज भी ज्यादा हुई।