देवनानी ने कहा कि एक दशक पहले केरल और उसके बाद कर्नाटक में लव जिहाद के मामले सामने आए थे, लेकिन अब पूरे देश यहां तक की राजस्थान में भी बड़ी संख्या में आए दिन एसे मामले सामने आने लगे है। लव जिहाद के तहत भोली-भाली लड़कियों को पहले झूठे प्रेम जाल में फंसाया जाता है फिर उनको ब्लैकमेल कर शादी करने और धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर किया जाता है। मुख्यमंत्री गहलोत के पास गृह मंत्रालय का प्रभार होने के बाद भी प्रदेश की भोली भाली बेटियों को लव जिहाद के कुचक्र में फंसाने का षड्यंत्र जारी रहना चिन्ता का विषय है।
देवनानी ने कहा कि सवा दशक से हिंदू और इसाई धर्म से जुड़े सामाजिक संगठनों की ओर से समय—समय पर लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग की जाती रही है। लगातार सामने आ रहे लव जिहाद के मामलों पर रोक लगाने के लिए भाजपा शासित मध्यप्रदेश सरकार ने तो धर्म स्वतंत्र्य कानून लाने की कवायद शुरू कर दी है जो प्रशंसनीय है। इसके लिए मप्र की विधानसभा में विधेयक लाया जाएगा। विधेयक कानून का रूप लेने के बाद गैर जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज करने एवं दोषियों को पांच साल की कठोर सजा सुनाने का प्रावधान रहेगा। मध्यप्रदेश सरकार बेटियों की सुरक्षा का कानून ला सकती है तो प्रदेश में गहलोत सरकार क्यों नहीं ला सकती है ?