जानकारी के अनुसार जेसीटीएसएल एम्पलॉइज यूनियन ने 5 मार्च और 17 मार्च 2020 को ज्ञापन देकर लो फ्लोर बसों को सेनेटाइज करने, ड्राइवर—कंडक्टर को मास्क उपलब्ध करवाने और कर्मचारियों के स्वास्थय की जांच करवाने की मांग की थी। इसके बावजूद जेसीटीएसएल ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। ना तो बसों के चालकों और परिचालकों को सेनेटाइजर और मास्क उपलब्ध करवाए हैं। और ना ही बसों को सेनेटाइज करवाया है। इससे लो फ्लोर बसों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है।
रोडवेज बसें, मेट्रो ट्रेन सेनेटाइज जेसीटीएसएल प्रबंधन की गंभीर लापरवाही ऐसे वक्त में सामने आ रही है, जब रोडवेज प्रबंधन बसों को सेनेटाइज करवा रहा है। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए जयपुर मेट्रो ट्रेनों को भी सेनेटाइज किया जा रहा है। रेलवे भी कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए लगातार एतियाती व्यवस्थाएं कर रहा है। राज्य सरकार भी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगातार गाइडलाइंस जारी कर रही है। इसके बावजूद जेसीटीएसएल प्रबंधन ने लो फ्लोर बसों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए हैं। ना बसों को सेनेटाइज करवाया गया है और ना ही बसों के स्टाफ को सेनेटाइजर या मास्क मुहैया करवाए हैं।
भीड़भरी बसों में संक्रमण का डर शहर में चलने वाली लो फ्लोर बसों में अक्सर भीड़ रहती है। इसके कारण इन बसों में सफर करने वाले लोगों में कोरोना वायरस को संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। इसी तरह से शहर में चलने वाली मिनी बसों को भी सेनेटाइज नहीं किया गया है। मिनी बसों में भी भीड़ रहती है। इन बसों में सफर करने वाले लोगों के कोरोना वायरस की चपेट में आने का खतरा बना हुआ है। परिवहन विभाग ने मिनी बसों को सेनेटाइज करवाने पर कोई ध्यान नहीं दिया है।