गौरतलब है कि जेसीटीएसएल के विद्याधर नगर की 168 लो फ्लोर बसों का संचालन गुजरात की मातेश्वरी ट्रांसपोर्ट करती है। यहां पर लो फ्लोर का संचालन ग्रॉस कॉस्ट मॉडल पर हो रहा है। इस डिपो का प्रति माह करीबन 1.20 करोड़ रूपए का बिल बनता है। वहीं, सांगानेर डिपो की 196 बसों का संचालन गुजरात की फर्म हरीश ट्रांसपोर्ट कर रही है। यहां पर नेट कॉस्ट मॉडल पर बसों का संचालन हो रहा है। इस डिपो का भी प्रति माह 1.20 करोड़ 1.25 करोड़ रूपए बिल बनता है। विद्याधर नगर और सांगानेर डिपो की 364 बसों के संचालन पर प्रति माह करीबन ढाई करोड़ रूपए खर्च हो रहे हैं। जेसीटीएसएल ये राशि ठेकेदार फर्म को भुगतान करता है। लेकिन मई—जून 2017 के बाद से बिलों का भुगतान जेसीटीएसएल ने नहीं किया है। ठेकेदार फर्म के साढ़े 8 करोड़ रूपए से ज्यादा बकाया चल रहा है। बार—बार तकाजा करने से परेशान ठेकेदार ने जेसीटीएसएल को 13 सितम्बर से बसों का संचालन बंद करने का नोटिस दे दिया। देनदारी 15 करोड़, खजाना खाली जेसीटीएसएल की खराब माली हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देनदारी 15 करोड़ है। लेकिन जेसीटीएसएल का खजाना खाली है। ऐसे में जेसीटीएसएल ठेकेदार के बकाया बिलों का भुगतान कहां से करे। जेसीटीएसएल प्रशासन का कहना है कि लो फ्लोर के संचालन के लिए पैसा राजस्थान ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट से मिलता है। वहीं से भुगतान अटका हुआ है। चालक—परिचालक वेतन — 1.50 करोड़ बस मेंटिनेंस — 35 लाख टायर—स्पेयर पार्टस — 70 लाख मातेश्वरी ट्रांसपोर्ट— 1.20 करोड़ हरीश ट्रांसपोर्ट — 1.25 करोड़ टिकटिंग बिल तकनीक — 5 लाख ये है बसों का गणित कुल बसें — 479 चल रही बसें — 200 बंद खड़ी बसें — 279 विद्याधर नगर डिपो — 168 सांगानेर डिपो — 196 जेसीटीएसएल —115