धारीवाल ने शनिवार शाम को करीब तीन घंटे से अधिक समय तक स्वायत्त शासन भवन में राजस्थान अरबन ड्रिंकिंग वाटर, सीवरेज, इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन (रुडसिको) की समीक्षा बैठक ली। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों को बताया कि नगरीय परिवहन सेवा को सुदृढ़ किया जाएगा। इसके प्रथम चरण में सभी संभाग मुख्यालयों पर लो फ्लोर बसों का संचालन शुरू होगा। उन्होंने कहा कि आरयूआइडीपी में 42 शहरों का चयन किया गया है। इसमें से 12 शहरों के लिए टेंडर हो चुके हैं। जबकि अन्य की डीपीआर तैयार कर एडीबी के पास जांच के लिए भेजी गई है।
उन्होंने कहा कि 5 हजार करोड़ रुपए के शहरी विकास के कार्यों की औपचारिकताएं दिसंबर तक पूरी कर ली जाएं। इसके बाद इनका काम काम शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना, स्मार्ट सिटी परियोजना की रफ्तार धीमी है। इसकी गति बढ़ानी है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना में बिना काम की कई योजनाओं को रद्द किया गया है। अभी तक कोटा की समीक्षा हो चुकी है। आगे जयपुर, उदयपुर और अजमेर की समीक्षा होगी। उन्होंने कहा कि अमृत योजना में भारत सरकार के हिस्से का पैसा नहीं मिला है। बैठक में प्रमुख सचिव नगरीय विकास विभाग भास्कर ए. सावंत, प्रमुख सचिव जल अभियांत्रिकी विभाग संदीप शर्मा, सचिव स्वायत्त शासन विभाग भवानी सिंह देथा समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
भाजपा ने बंद किया, हम चालू करेंगे
धारीवाल ने कहा कि खराब आर्थिक स्थिति के चलते नगर निगम, नगर परिषद व पालिकाएं कई बड़ी योजनाओं को पूरी नहीं कर पाती हैं। ऐसी योजनाओं के लिए हमारी पिछली सरकार के समय आरयूआइडीएफ के माध्यम से फंड दिया जाता था। भाजपा सरकार ने इसे बंद कर दिया था, अब हम इसे फिर से चालू करेंगे।
धारीवाल ने कहा कि खराब आर्थिक स्थिति के चलते नगर निगम, नगर परिषद व पालिकाएं कई बड़ी योजनाओं को पूरी नहीं कर पाती हैं। ऐसी योजनाओं के लिए हमारी पिछली सरकार के समय आरयूआइडीएफ के माध्यम से फंड दिया जाता था। भाजपा सरकार ने इसे बंद कर दिया था, अब हम इसे फिर से चालू करेंगे।
सात साल बाद भी शुरू नहीं हुए 6 काम
धारीवाल ने कहा कि 2012 में 56 आरओबी और अंडरपास मंजूर किए गए थे। इनमें से अब तक 36 ही बन सके हैं। जबकि 6 का काम ही शुरू नहीं हो सका।