इससे पेट्रोल-डीजल की महंगाई की मार के बीच नवरात्र व दीपावली के त्योहार की तैयारियों में जुटे प्रदेश के 1 करोड़ 75 लाख घरेलू गैस उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लग गया। 15 रुपए की इस अतिरिक्त बढ़ोतरी के बाद अब सिलेंडर 888.50 रुपए की जगह अब 903 रुपए में मिलेगा। इस स्थिति में शहरी हो या ग्रामीण क्षेत्र, गृहणियों के लिए रसोई का बजट संभालना मुश्किल हो गया है। कंपनियों ने कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में 3 रुपए की कमी की है।
घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों की बात करें तो गृहणियों के लिए इस वर्ष के 9 महीने यानी 270 दिन उनके लिए अच्छे दिन साबित नहीं हुए। 15 जनवरी को घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतें 698 रुपए थीं। इसके बाद फरवरी से लेकर अक्टूबर तक सिलेंडर महंगा होता गया। तेल कंपनियों ने अप्रेल में सिलेंडर पर 10 रुपए कम करके सस्ते का सपना दिखाया। लेकिन यह सपना जुलाई महीने में टूट गया। बीते 9 महीनों में तेल कंपनियां ने घरेलू गैस सिलेंडर केा 205 रुपए तक महंगा कर दिया।
पेट्रोलियम डीलर्स का कहना है कि घरेलू गैस सिलेंडर अब 900 रुपए के पार हो गया है। अप्रेल-2020 से सब्सिडी बंद है। इस कीमत में उज्ज्वला के लिए इस सिलेंडर को खरीदना बूते के बाहर हो गया है। गृहणियां फिर से परंपरागत चूल्हे की शरण में पहुंच गई हैं।