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उनका कहना था कि कुछ लोगों द्वारा इस वायरस की तुलना कोरोना वायरस से की जा रही हैए जो बिल्कुल गलत है। गौपशुओं में फैल रहा यह रोग जूनोटिक नहीं है अर्थात पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलता है। रोगी पशुओं का दूध हानिकारक नहीं है, लेकिन यह आवश्यक है कि दूध को उबाल कर ही पिएं।
किशन ने कहा कि पशुओं में फैल रही इस बीमारी को चुनौती के रूप में लिए जाने की आवश्यकता है, न कि भयभीत होने की। उन्होंने कहा कि बचाव ही उपचार है इसके लिए हमें वो सभी उपाय करने की आवश्यकता है जिससे रोगी पशुओं से स्वस्थ पशुओं में संक्रमण नही फैले। उन्होंने कहा कि रोगी पशुओं को स्वस्थ पशुओं से तुरन्त अलग कर देना चाहिए।