Mata Kalratri Ka Priy Bhog मां कालरात्रि को बहुत पसंद है गुड़, जानिए उनके पसंदीदा मिष्ठान्न, रंग, फूल और पूजा विधि
नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित है. माता का रूप भयंकर है पर वे शुभ फलदायी हैं और इसी वजह से इनका नाम 'शुभंकरी' भी है। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर बताते हैं कि मां कालरात्रि की उपासना करनेवाले पूरी तरह भय-मुक्त हो जाते हैं।

जयपुर. नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित है. माता का रूप भयंकर है पर वे शुभ फलदायी हैं और इसी वजह से इनका नाम 'शुभंकरी' भी है। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर बताते हैं कि मां कालरात्रि की उपासना करनेवाले पूरी तरह भय-मुक्त हो जाते हैं।
माता कालरात्रि की कृपा प्राप्त कर लेनेवालों को शत्रु—अग्नि—जल-जंतु-रात्रि आदि का कोई डर नहीं रहता। मां कालरात्रि की उपासना में यम, नियम, संयम का पूर्ण रूप से पालन करना जरूरी है। तन—मन और वचन की पवित्रता बनाए रखनी चाहिए। मां कालरात्रि के स्वरूप को ध्यान रखते हुए उनकी उपासना करनी चाहिए।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई के अनुसार मां कालरात्रि को गुड़ बहुत पसंद है। महासप्तमी पर्व पर मां को गुड़ या इससे बने मिष्ठान्नों का भोग जरूर लगाएं। भोग अर्पित करने के बाद कन्याओं, ब्राह्मणों, जरूरतमंदों को दान कर दें। मां कालरात्रि को लाल रंग प्रिय है। रातरानी का फूल मां कालरात्रि का प्रिय पुष्प है, उनको चमेली का फूल भी अर्पित कर सकते हैं।
कालरात्रि देवी की साधना में मंत्र का जप जरूर करना चाहिए।
1.
ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:।
2.
ऊं देवी कालरात्र्यै नमः॥
3.
या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
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