किया स्वागत हिजरी वार जुम्मे को सैयद इमाम हुसैन अलेही सलाम की शहादत हुई थी। इस दौरान सलाम पढ़ा गया व मोहब्बतें अहलेबैत का जिक्र किया गया। साथ ही अकीदतमंदों ने रोजे खोले। कई जगहों पर हिन्दू संगठनों ने ताजिया पर फूल बरसाकर स्वागत किया।
उमड़ा जन सैलाब चीनी की बुर्ज, बाबू का टीबा, पचरंग पट्टी ईदगाह, हसनपुरा, मोहल्ला मावतान, गुलजार मस्जिद, चांदपोल तवायफों का ताजिया, मौला कुरेशियों का ताजिया, पन्नीगरान का ताजिया, नीलगरान, नालबंदान, हांडीपुरा, सिरकीगरों का ताजिया, बड़ वालों की मस्जिद का ताजिया, जालुपुरा, रेहमानियों का ताजिया, कुर्मान याजदानी चौक, मछली वाला ताजिए, लुहारों का खुर्रा पहलवानों का ताजिया, उमरान मछली वाला ताजिया भी आकर्षण का केंद्र रहे। वहीं, घाटगेट स्थित माहवतान के मोहल्ले व त्रिपोलिया बाजार से पूर्व राजपरिवार के बरसों पुराने ताजिए को देखने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। अलग-अलग मोहल्लों के साथ समाज के 350 ताजिए शहरभर में निकले।
शाम को विभिन्न मोहल्लों से निकले रहे ताजियों के जुलूस के दौरान कई युवा हाथों में तिरंगा लिए देशभक्ति की अलख जगाते हुए दिखे। युवाओं का कहना है कि देश में अमन चैन और साम्प्रदायिक सौहार्द बने रहना चाहिए।