scriptह्यूमन रिसोर्स को मशीनें नहीं कर सकती रिप्लेस, बदलता है सिर्फ स्किल का स्वरूप | Machines cannot replace human resources, change only the form of skill | Patrika News

ह्यूमन रिसोर्स को मशीनें नहीं कर सकती रिप्लेस, बदलता है सिर्फ स्किल का स्वरूप

locationजयपुरPublished: Jan 21, 2020 07:50:31 pm

Submitted by:

Nishi Jain

– दो दिवसीय एचआर समिट का हुआ शुरू – देशभर से जुटे विभिन्न इंडस्ट्री के 200 से अधिक एचआर एक्सपर्ट- एचआर पॉलिसीज पर की खुलकर चर्चा, स्टूडेंट्स के प्रश्नों के दिए जवाब – एक्सपट्र्स ने कहा, स्किल्ड युवाओं के लिए जॉब्स की भरमार।

ह्यूमन रिसोर्स को मशीनें नहीं कर सकती रिप्लेस, बदलता है सिर्फ स्किल का स्वरूप

ह्यूमन रिसोर्स को मशीनें नहीं कर सकती रिप्लेस, बदलता है सिर्फ स्किल का स्वरूप

जयपुर. इनोवेशन सिर्फ टॉप मैनेजमेंट या आरएनडी ( रिसर्च एंड डवलपमेंट) स्तर की एकमात्र जिम्मेदारी नहीं है बल्कि ये निचले स्तर पर भी शुरू हो सकता है। अजमेर रोड स्थित जेके लक्ष्मीमत यूनिवर्सिटी में मंगलवार से शुरू हुए दो दिवसीय एचआर समिट के पहले दिन एक्सपर्ट ने कुछ ऐसी ही बाते कहीं। इस अवसर पर देशभर से 200 से अधिक अलग-अलग इंडस्ट्री के एचआर हैड ने शिरकत की तथा विभिन्न सत्रो के दौरान वर्तमान में एचआर इंडस्ट्री में बदलाव, अवसर, चुनौतियो, इनोवेशन एवं जॉब्स पर चर्चा की। एक्सपट्र्स ने डिजीटलाइजेशन एवं आईटी के वर्तमान समय में स्किल बेस्ड तथा अपडेटेड नॉलेज होने पर जॉब्स की अपार संभावनाएं बताई। इस अवसर पर एक्सपट्र्स के पैनल में बिजनेस लीडर, एचआर हैड, स्ट्रेटजी प्लानर, एकेडमिक एक्सपर्ट शामिल हुए। उन्होंने स्टूडेंट्स के साथ वन टू वन सेशन में भी हिस्सा लिया तथा एचआर से सबंधित विभिन्न सवालो के जवाब भी दिए। समिट के दौरान जीएसके कंन्ज्यूमर के चेयरमेन पी द्वारकानाथ, एनएचआरडी नेटवर्क के प्रेसीडेंट प्रेम सिंह, आवास फायनेंस के विजय सेठी समेत विभिन्न वक्ताओं ने अलग-अलग सत्रो में अपने एचआर इंडस्ट्री के बदलते प्रारूप पर प्रकाश डाला।
ह्यूमन रिसोर्स हमेशा रहेगा
इस मौके पर एचआर एक्सपट्र्स ने कहा कि बाजार में जॉब्स की कमी नहीं है, बल्कि स्किल्ड बेस्ड जॉब्स है। ऐसे में युवाओं को अपने अंदर स्किल क्रिएट करनी होगी, ह्यूमन रिसोर्स की आवश्यकता हमेशा ही बनी रहती हंै। इसको लेकर उन्होंने 80 के दशक में आए कम्प्यूटर युग का उदाहरण दिया, उस दौर में भी देशभर में जॉब्स कम होने की चर्चाएं जोरो पर थी, जो कि समय के साथ समाप्त हो गई। एचआर एक्सपट्र्स ने कहा कि इनोवेटिव कल्चर संस्थानों में क्रिएट किए जाने की आवश्यकता है। इसी आधार पर एक हैल्दी वातावरण तैयार किया जा सकता है। उहोंने स्टूडेंट्स को सदैव सीखने तथा बेहतर परिवर्तन के लिए सतत प्रयास करते रहने की सलाह दी। एक्सपट्र्स ने एक्सक्लूसिव कल्चर की बात करते हुए निचले स्तर से टॉप मैनेजमेट तक सभी की ओर से समग्र प्रयास किए जाने की आवश्यकता बताई।
बढ़ रही चुनौतियां
एक्सपट्र्स ने वर्तमान की एचआर इंडस्ट्री में चुनौतियों के बढनें की बात कहीं , उन्होंने कहा कि बदलती मांग के अनुसारी स्किल्ड व्यक्ति का तय मापदंडो पर चयन करना चुनौती बन चुका है वहीं मैनेजमेंट की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार ह्यूमन रिसोर्स क्रिएट करना भी खासा मुश्किल हो रहा है ।

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