मोहम्मद ( Minister Saleh Mohammad ) ने शून्यकाल में विधायक वाजिब अली द्वारा उठाये गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब देते हुए बताया कि वर्ष 2008 में पंजीकृत मदरसों के शिक्षा सहयोगी के 1400 रिक्त पदों के लिए संविदा आधार पर ( Contractual workers ) सेवाएं देने के लिए विज्ञप्ति जारी हुई थी इसके तहत 1395 पदों पर नियुक्ति दे दी गई थी।
संविदाकर्मियों के साथ मदरसा पैराटीचर्स का भी निर्णय होगा उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मदरसों को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है। बजट में मदरसों के आधुनिकीकरण योजना के तहत मदरसों में कम्प्यूटर शिक्षा, स्मार्ट क्लास रूम जैसे सुविधाएं विकसित करने के लिए 10 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है। संविदाकर्मियों की समस्याओं के साथ-साथ मदरसा पैराटीचर्स का मामला भी मंत्रीस्तरीय समिति में रखा गया है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर अन्य संविदाकर्मियों के साथ मदरसा पैराटीचर्स का भी निर्णय होगा।
प्रतिवर्ष 400 रुपये की वृद्धि होती है अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने बताया मदरसा पैराटीचर्स का समय-समय पर मानदेय बढ़ा है और इनके मानदेय में प्रतिवर्ष 400 रुपये की वृद्धि होती है। इनका न्यूनतम मानदेय 7 हजार 200 रुपये तथा अधिकतम मानदेय 9 हजार 75 रुपये है।
गौरतलब है कि राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ के तहत मदरसा पैराटीचर्स मामले में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेशाध्यक्ष आजम खान पठान का कहना है कि मदरसा पैराटीचर्स पिछले 18 सालों से न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय पर कार्यरत हैं। ऐसे में परिवारों का भरण पोषण करना मुश्किल हो रहा है। वर्तमान बजट में भी इस बात की अनदेखी करने से पैराटीचर्स में रोष है। ऐसे में विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेशभर में कलक्ट्रेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।