विदेशी शराब की दुकान खोलेगी मध्यप्रदेश सरकार
जयपुरPublished: Feb 28, 2020 11:59:39 am
राजस्व बढ़ाने के लिए शुरू की कवायदचार शहरों में खुलेंगे विदेशी शराब की आउटलेटब्रांडेड शराब की मांग को ध्यान में रखते हुए लिया फैसला
कमलनाथ सरकार ने विदेशी शराब के शौकीन लोगों के लिए मध्यप्रदेश में ऐसे आउटलेट खोलने की तैयारी की है, जहां ब्रांडेड और महंगी विदेशी शराब मिल सकेगी। इसे खरीदने के लिए लोगों को दिल्ली-मुम्बई जैसे बड़े शहरों तक जाना होता था। भाजपा ने सरकार के इस कदम को शराबखोरी को बढ़ावा देने वाला कदम बताया है।
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने समय के साथ बढ़ती ब्रांडेड शराब की मांग को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला किया है। सरकार का आबकारी विभाग ने मध्यप्रदेश के चार शहरों में ऐसे आउटलेट खोलने की तैयारी की है जहां ब्रांडेड और महंगी विदेशी शराब मिलेगी। ये वो शराब होगी जो मध्यप्रदेश में कहीं भी फिलहाल उपलब्ध नहीं है।
मध्य प्रदेश के आबकारी मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ने कहा कि इससे राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी। मध्यप्रदेश में कुछ फीसदी लोग अभी भी ऐसे हैं जो अच्छे ब्रांड की शराब चाहते हैं, लेकिन दुकानों में वह नहीं मिलती थी। ऐसे में कोई विदेश से मंगवाता था तो कोई दिल्ली से। इसमें राजस्व का नुकसान, मध्यप्रदेश सरकार का होता था। हमने यह तय किया है कि बाहर के ब्रांड जो हमारे यहां नहीं मिलते हैं, उसे इंदौर और भोपाल में दो-दो शॉप्स, ग्वालियर और जबलपुर में एक-एक शॉप खोलकर उपलब्ध कराया जाएगा। ये आउटलेट्स ऐसी जगह खोले जाएंगे जहां से संभ्रांत परिवार के लोग बेझिझक महंगी ब्रांडेड विदेशी शराब खरीद सकेंगे।
एक तरफ मध्यप्रदेश सरकार इसे राजस्व बढ़ाने वाला कदम बता रही है तो वहीं बीजेपी ने कमलनाथ सरकार पर शराबखोरी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। भाजपा का आरोप है कि बलात्कार को रोकने से ज्यादा सरकार की दिलचस्पी इस बात में है कि शराब सुगमता से कैसे मिल सके। पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि आप तीर्थ दर्शन योजना बंद करते हो और शराब सुगमता से मिल सके इसका प्रयास करते हो। यह सोच ही कांग्रेस की विचारों और भावनाओं को व्यक्त करता है। आपको अच्छा माहौल देना है तो महिलाओं के साथ मध्यप्रदेश में हो रहे रेप को बन्द करवाना चाहिए। बहरहाल आबकारी नीति को लेकर पहले भी सरकार और विपक्ष में ठन चुकी है। इससे पहले आबकारी नीति में शराब दुकान के अलावा शराब की उपदुकान खोलने के विचार को लेकर भी कमलनाथ सरकार की किरकिरी हुई थी, जिसके बाद नई आबकारी नीति से उपदुकान खोलने के प्रस्ताव को रद्द किया गया था।