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गुप्त नवरात्र के दस दिन में नौ दिन बन रहे विशेष संयोग, कई गुणा अधिक मिलेगा फल

locationजयपुरPublished: Jan 20, 2020 02:27:56 pm

Submitted by:

Devendra Singh

Magha Gupt Navratri 2020 : मां दुर्गा की नौ दिवसीय साधना के पर्व माघ मास के गुप्त नवरात्र की शुरुआत 25 जनवरी को सर्वार्थ सिद्धि व द्विपुष्कर योग के साथ हो रही है। इस बार तृतीया तिथि में वृद्धि होने से नवरात्र दस दिन के होंगे। खास बात यह है कि इन नवरात्र में दस में से नौ दिन कोई ना कोई विशेष योग बन रहा है। ऐसे में गुप्त नवरात्र में की गई साधना कई गुणा अधिक फलदायी रहेगी।

Gupt NAVRATRA

Gupt NAVRATRA

जयपुर. मां दुर्गा की नौ दिवसीय साधना के पर्व माघ मास के गुप्त नवरात्र ( Magha Gupt Navratri ) की शुरुआत 25 जनवरी को सर्वार्थ सिद्धि व द्विपुष्कर योग के साथ हो रही है। इस बार तृतीया तिथि में वृद्धि होने से नवरात्र दस दिन के होंगे। खास बात यह है कि इन नवरात्र में दस में से नौ दिन कोई ना कोई विशेष योग बन रहा है। ऐसे में गुप्त नवरात्र में की गई साधना कई गुणा अधिक फलदायी रहेगी। ऐसा माना जाता है गुप्त नवरात्र में की गई साधना कभी भी निष्फल नहीं जाती। इन नवऱात्र में दूसरे नवरात्र में की गई साधना से दस गुणा ज्यादा फल मिलता है। इसके चलते लोग मां की कृपा पाने के लिए साधक गुप्त नवरात्र को ही चुनते हैं। नवरात्र का समापन 3 फरवरी को होगा।
इन 10 महाविद्याओं की होगी साधना

महाकाल संहिता के अनुसार, सतयुग में चैत्र नवरात्र, द्वापर में माघ नवरात्र, कलियुग में अश्विनी नवरात्र और त्रेतायुग में आषाढ़ नवरात्र की प्रमुखता रहती है। देवी भागवत के अनुसार चैत्र व आषाढ़ के नवरात्र में प्रतिपदा से नवमी तक महालक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है। वहीं गुप्त नवरात्र में दस महाविधाओं की साधना की जाती हैं। इनमें साधक मां काली, देवी तारा, त्रिपुर-सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुरी भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी व अंतिम दिन मां कमला की आराधना करते हैं। गुप्त नवरात्र में दुर्गा सप्तशती का पाठ, बीज मंत्रों का जाप कर शक्ति की साधना की जाती है। बेहद कड़े नियम के साथ व्रत साधना शक्तियों की प्राप्ति के लिए श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं।
इस तरह करें मां की पूजा
पंडित सुरेश शास्त्री के अनुसार गुप्त नवरात्र के दौरान अन्य नवरात्र की तरह ही नौ दिन उपवास रखते हुए पूजा करनी चाहिए। नौ दिनों के उपवास का संकल्प लेते हुए प्रतिप्रदा यानि पहले दिन घटस्थापना करनी चाहिए। घटस्थापना के बाद प्रतिदिन सुबह और शाम के समय मां भगवती की पूजा करते हुए मंत्रों की साधना करनी चाहिए। अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन के साथ नवरात्र व्रत का उद्यापन करना चाहिए इस नवरात्र में अन्य नवरात्र की तरह ही
ये बन रहे नौ योग

गुप्त नवरात्र में दस में से नौ दिन तक विशेष योग बन रहे हैं। इसके कारण नवरात्र में की गई साधना को कई गुणा अधिक फल मिलेगा।

25 जनवरी- सर्वार्थ सिद्धि व द्विपुष्कर योग।
26 जनवरी- द्विपुष्कर व राजयोग।
27 जनवरी- सिद्धि योग।
28 जनवरी- रवि योग।
29 जनवरी- रवि व कुमार योग।
30 जनवरी- रवि व सर्वार्थ सिद्धि योग।
31 जनवरी- अमृतसिद्धि व सर्वार्थ सिद्धि योग।
2 फरवरी- रवि योग।
3 फरवरी- सर्वार्थ सिद्धि, रवि व कुमार योग।

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