scriptराजस्थान के इस महाराजा ने महारानी एलिजाबेथ को क्रिसमस गिफ्ट में दी थी हीरे से जड़ी अंगूठी | Maharaja Sawai Man Singh gift Diamond Ring to Elizabeth on Christmas | Patrika News

राजस्थान के इस महाराजा ने महारानी एलिजाबेथ को क्रिसमस गिफ्ट में दी थी हीरे से जड़ी अंगूठी

locationजयपुरPublished: Dec 25, 2017 05:23:39 pm

Submitted by:

dinesh

क्रिसमस पर अजमेर पुलिया के न्यू होटल, जयपुर क्लब, स्टेशन के केसरी हिन्द होटल और जयपुर होटल में डांस पार्टी व रात्रि भोज होते…

Jaipur King
जयपुर। ब्रिटिश शासनकाल में क्रिसमस पर जयपुर सहित राजपूताना की रियासतों में रहने वाले अंग्रेजों को खुश करने की राजा और सामंतों में होड़ मची रहती। दो दिन का अवकाश रहता और स्कूल कॉलेजों में 23 दिसम्बर से एक जनवरी तक छुट्टियां रहती। सन 1940 के क्रिसमस पर सवाई मानसिंह ने ब्रिटिश सम्राट जार्ज षष्टम् की महारानी एलिजाबेथ को हीरे जड़ी अंगूठी भेजी। सन 1922 में महकमा खास के मंत्री सर चाल्र्स क्लीवलैण्ड और जैम्स राबर्ट के क्रिसमस पर चले जाने पर बैठकें स्थगित कर दी गई।
सिटी पैलेस में दिया जाता रात्रि भोज

जयपुर में ईसाईयों के आने का सिलसिला सवाई राम सिंह के समय शुरूहुआ। सन 1931 को ढूंढाड़ में 1558 व जयपुर में 329 ईसाई रहते थे। क्रिसमस पर अजमेर पुलिया के न्यू होटल, जयपुर क्लब, स्टेशन के केसरी हिन्द होटल और जयपुर होटल में डांस पार्टी व रात्रि भोज होते। हेट लगाए अंग्रेज मेमों के साथ बग्घियों व हुडनुमा कारों में जाते। इंग्लैंड के स्टेट बैंड मास्टर ब्रोक र व संगीत निदेशक फिलिप्स की अगुवाई में क्रिसमस पर दोपहर दो बजे से सूर्यास्त तक रामनिवास बाग में बैंड वादन होता। जयपुर फाउंडेशन के सियाशरण लश्करी के मुताबिक दूसरी रियासतों के अंग्रेज भी परिवार सहित आते और खासाकोठी, गर्वंमेंट हॉस्टल, रेजीडेंसी, नाटाणी का बाग और सिविल लाइन्स आदि स्थानों पर ठहरते। ब्रिटिश सम्राट व महारानी को लंदन में एवं वायसराय आदि अंग्रेज हाकिमों को महाराजा व उनके मंत्रीगण बधाई के तार भेजते। रेजीडेंट को बधाई देने के लिए महाराजा भी गुलदस्ता व फलों की टोकरी के साथ राजमहल पैलेस जाते। सिटी पैलेस में रात्रि भोज दिया जाता।
यह भी पढ़ें
कभी जयपुर में दिखती थी ‘बनारस‘ की सुबह और ‘अवध‘ की शाम, घुंघरुओं की छमछम और तबले की थाप पर लोग भूल जाते थे नींद

गिरिजाघरों में होती रोशनी व सजावट

चांदपोल के बाहर सेंट एन्ड्रयूज चर्च, हथरोई स्थित ऑल सेंट चर्च और घाटगेट के सीक्रेट हार्ट चर्च आदि गिरिजाघरों में रोशनी व सजावट होती। ऑल सेंट चर्च सवाई राम सिंह के शासन में एवं चांदपोल चर्च का निर्माण सवाई माधोसिंह के समय सन् 1912 में हुआ। डेढ़ सौ साल पहले आए स्कॅाटिश मिशनरी व अन्य ईसाईयों को अजमेर पुलिया के मिशन कम्पाउंड में बसाया गया। वहां पर पादरी जार्ज मेकालिस्टर व जॉन ट्रेल विशेष प्रार्थना करवाते। सन 1862 में आए डॉ.कॉलीन वेलंटाइन व जार्ज मैकलिस्टर ने जयपुर में मिशनरी स्कूल खोले। सन 1921 के क्रिसमस पर केन्द्रीय राजनीतिक सचिव थॉमसन जयपुर आए।
यह भी पढ़ें
कभी ऐसा दिखता था सवाई जयसिंह का बसाया ‘जयपुर‘

सेंट जेवियर के विद्यार्थी रहे जयराज सिंह बिरकाली ने बताया कि क्रिसमस पर प्रार्थना के बाद एक दूसरे को बधाइयां देने का दौर नए साल के बाद तक चलता। सन 1728 में जयपुर आकर बसे गुस्टन जॉकिन डी सिल्वा की सुभाष चौक स्थित हवेली में धूमधाम से क्रिसमस मनाया जाता। सिल्वा की वंशज नॉयल डी सिल्वा हवेली में स्कूल चलाती है। जयपुर में रेजीडेंट रहे हैरिस व्हाइट,नाइट बुर्क,रेजिस मुरे,वेलन्टाइन, डी फेब्रक, गुलान,जे स्टुवर्ड के अलावा कर्नल स्वींटन जैकब, टीएच हैण्डले, हैबर,मेजर लुडलो, मोटाले और बायलू जैसे अंग्रेज हाकिम क्रिसमस को धूमधाम से मनाते थे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो