दीयाकुमारी ने कहा कि महाराणा प्रताप के शौर्य और स्वाभिमान पर प्रश्न चिन्ह लगाने वाले शिलालेख में अंकित त्रुटिपूर्ण तथ्यों से सर्व समाज की भावना आहत हुई है। पावन भूमि हल्दीघाटी में लगे ऐसे शिलालेखों को अविलम्ब रूप से हटाने के साथ ही तथ्यात्मक रूप से सही माने जाने वाले शिलालेखों की स्थापना की कार्रवाई होनी चाहिए। सांसद ने कृष्णा सर्किट की तर्ज पर महाराणा प्रताप सर्किट योजना शुरू करने, हल्दीघाटी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने, कोरोना महामारी के कारण ठप हुए पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहन के लिए केंद्र द्वारा विशेष राहत पैकेज देने तथा कला और शिल्प कलाकारों को वित्तीय सहायता एवं रोजगार के लिए संरक्षण प्रदान करने की मांग की। पटेल ने दीयाकुमारी और शिष्ट मण्डल को आश्वस्त किया कि महाराणा प्रताप सिर्फ मेवाड़ के ही नहीं, सम्पूर्ण देश के स्वाभिमान के प्रतीक हैं। इनके त्रुटिपूर्ण शिलालेखों में अविलम्ब परिवर्तन किया जाएगा। मुलाकात के दौरान शिष्ट मण्डल में राजपूत समाज के महाराणा प्रताप प्रतिनिधि मंडल एवं महाराणा कुम्भा प्रतिनिधि मंडल के सदस्य नारायण उपाध्याय, कुलदीप सिंह ताल भी उपस्थित थे।