यह कहना है लेखक और टेक्सटाइल स्कॉलर रीटा कपूर चिश्ती का। नेशनल हैंडलूम डे ( National Handloom day ) के मौके पर ‘हैंडलूम क्राफ्ट एंड आर्ट’ सब्जेक्ट पर हुए आनलाइन टॉक शो में विचार रखे। यह कला एवं संस्कृति विभाग, जवाहर कला केंद्र और आईएएस लिटरेरी सोसाइटी के सहयोग से हुआ।
इस टॉक शो में कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी डी कल्ला ने भी विचार रखे। कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ( Mahatma Gandhi ) ने कहा था कि कृषि एक घाटे का सौदा है। किसान सिर्फ खेती करके कभी आगे नहीं बढ़ सकता। इसलिए गांधी जी ने ‘खादी ग्राम उद्योग’, ‘कुटीर उद्योग’ और ‘हथकरघा उद्योग’ की शुरूआत की। हैंडलूम इंडस्ट्री लोगों को रोजगार दे रहा है। राज्य में, सांगानेरी, बगरू और अजरक प्रिंट मुख्य रूप से मजबूत रहे हैं। कारीगर पुरस्कृत हुए हैं। पहचान मिली है।
70 प्लस उम्र कारीगरों को सहायता मंत्री ( Dr. BD Kalla ) ने बताया कि 70 वर्ष से अधिक आयु के कारीगर 4000 रुपए की नियमित मासिक वित्तीय सहायता मिल सकती है। इसके लिए कला एवं संस्कृति विभाग, राजस्थान सरकार के जरिए कला एवं संस्कृति मंत्रालय को अपना आवेदन भेज सकते हैं। शो में कला एवं संस्कृति विभाग, राजस्थान सरकार और साहित्य सचिव, आईएएस एसोसिएशन, राजस्थान मुग्धा सिन्हा के साथ चर्चा की।