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महावीर जयंती आज— घर— घर में होगी भगवान महावीर की पूजा अर्चना , नहीं निकलेगी प्रभातफेरी

locationजयपुरPublished: Apr 05, 2020 04:13:16 pm

Submitted by:

Harshit Jain

—शाम को घरों के बाहर जलाए जाएंगे दीपक

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महावीर जयंती आज— घर— घर में होगी भगवान महावीर की पूजा अर्चना , नहीं निकलेगी प्रभातफेरी


जयपुर. दुनिया को सत्य और अहिंसा का संदेश देने वाले जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का 2619 वां जन्म कल्याणक महोत्सव सोमवार चैत्र शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को घरों में धर्मावलंबी सादगी से मनाएंगे। कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण सकल जैन समाजबंधु घरों में ही पूजा अर्चना व जाप पाठ आदि करेंगे। सभी लोग महामारी से बचाव के लिए भक्तामर स्तोत्र, विश्व शांति प्रदायक णमोकार महामंत्र, शांति पाठ व सर्व शांति मंत्र का घरों में ही मुनि प्रमाण सागर के निर्देशानुसार दशांगी धूप अग्नि में खेकर जाप कर रहे हैं। घर— घर में भगवान अष्ट द्रव्य से सुबह पूजा अर्चना व शाम को 13 दीपकों से महाआरती होगी। मुनि सुधा सागर, मुनि प्रमाण सागर और प्रज्ञा सागर ने श्रद्धालुओं को जयंती घर में मनाने के लिए आव्हान किया। सुबह आठ बजे छत पर जाकर थाली व ताली बजाने भगवान महावीर के जयकारे लगाने के बाद जिनवाणी चैनल के जरिए भगवान महावीर के अभिषेक, शांतिधारा के बाद पूजा देखने का आव्हान मुनियों ने किया है। मंदिरों में नित्य नियम पूजा एक दो धर्मावलंबी करेंगे।
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घर-घर मनेगी जयंती
जैन कनेक्ट एप के जरिए घर बैठे बैठे कई प्रतियोगिताएं होगी। अध्यक्ष अंकुर पाटनी ने बताया कि घर-घर महावीर, हर घर महावीर के तहत विभिन्न धार्मिक प्रतियोगिताएं होगी। बच्चों से वीर की वाणी बच्चों की जुबानी तहत वीडियों साझा होगा। वहीं 500 प्रतिभाओं को पुरस्कृत किया जाएगा। महामंत्री अतीव जैन ने बताया कि जीयो और जीने दो का संदेश देती हुई चित्रकला प्रतियोगिता, भगवान महावीर, कोरोना पर कविता व कई प्रतियोगिता सहित अन्य प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम होगा। सकल जैन समाज एक साथ 24 चांदी के सिक्के तथा विभिन्न प्रतियोगिताओं के जरिए 550 से भी अधिक नकद पुरस्कार दिए जाएंगे। यह एप गूगल प्ले पर उपलब्ध है।
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यह मंदिर है खास
शहर का सबसे प्राचीन मूलनायक भगवान महावीर का मंदिर अपनी सुंदरता के लिए खास है। गोपाल जी का रास्ता स्थित दिगम्बर जैन मंदिर, कालाडेरा (महावीर स्वामी) पहले गोपालपाड़ा के नाम से जाना जाता था। बहुत समय पहले कालाडेरा के निहालचंद सेठी ने भूमि खरीद कर मंदिर की नींव रखी। यहां पुरानी वेदी सफेद संगरमर की बनी है। अध्यक्ष एनके सेठी के मुताबिक आमेर के एक पुराने मंदिर में दो मूर्तियां मिली। आमेर नसियां से स्वत: ही बेलगाड़ी के जरिए बिना सारथी के बेलगाड़ी यहां पहुंच गई। दो मूर्तियों को यहां विराजमान किया। नंदीश्वर द्वीप सहित कुल 21 वेदियां हैं जिनमें 164 प्रतिमाएं और 39 यंत्र विराजमान हैं। कला के बारीकी काम मंदिर की सुंदरता बनाए हुए है। तीनों द्वारों के चांदी के दरवाजों पर सोलह स्वप्न बनाए गए हैं। वेदी के दोनों ओर भगवान महावीर के पूर्व भव आठ भित्ती चित्रों में अंकित किए गए हैं, जो कि शीशे में मंढे हुए हैं।
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