महेश जोशी वापस लेंगे पायलट व उनके समर्थकों की सदस्यता समाप्त करने की एसएलपी
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट व उनके समर्थक 18 विधायकों की सदस्यता समाप्त करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई एसएलपी को मुख्य सचेतक महेश जोशी वापस लेंगे।

शादाब अहमद/नई दिल्ली। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट व उनके समर्थक 18 विधायकों की सदस्यता समाप्त करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई एसएलपी को मुख्य सचेतक महेश जोशी वापस लेंगे। इसके लिए उन्होंने अपने वकील को लिखकर दे दिया है और सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश करने की तैयारी शुरू हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने 12 फरवरी को सरकारी मुख्य सचेतक जोशी और विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी की एसएलपी पर 19 विधायकों, केन्द्र व 6 अन्य पक्षकारों से 4 सप्ताह में जवाब मांगा था। इससे राजस्थान में फिर सियासी गर्माहट पैदा हो गई, जिसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने दखल दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात कर मुख्य सचेतक जोशी की एसएलपी को वापस लेने के लिए दबाव डाला। इसके बाद मुख्य सचेतक जोशी सोमवार को दिल्ली पहुंचे। जहां उन्होंने अपने वकील को एसएलपी वापस लेने की मंशा जाहिर करते हुए पत्र सौंपा। इसमें जोशी ने बताया है कि अब हालात बदल गए हैं और ऐसे में वह इस एसएलपी को वापस लेना चाहते हैं। जोशी के निर्देश पर उनके वकील ने एसएलपी वापस लेने की प्र क्रिया तेज कर दी है।
पायलट की महापंचायत में गहलोत का फोटो लगवाया
कांग्रेस आलाकमान अब किसी भी सूरत में पार्टी की अंदरूनी लड़ाई को सडक़ पर नहीं देखना चाहता है। यही वजह है कि जहां पायलट गुट के खिलाफ दायर एसएलपी को वापस करवाया गया है, वहीं पायलट खेमे को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को तरजीह देने के निर्देश दिए हैं। यही वजह है कि चाकसू में पिछले सप्ताह हुई महापंचायत में शामिल होने के लिए विधायक वेदप्रकाश सोलंकी की ओर से मुख्यमंत्री गहलोत को निमंत्रण दिया गया। साथ ही पायलट खेमे की ओर से पहली बार महापंचायत में गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा का फोटो मंच पर लगाया गया।
यह था मामला
पिछले साल राजस्थान के सियासी संकट के दौरान तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट व उनके समर्थक 18 विधायकों के कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नहीं आए थे। इस पर सरकारी मुख्य सचेतक जोशी ने इसे विधायकों के पार्टी से अलग होने के समान बताते हुए संविधान की 10 वीं अनुसूची के तहत विधानसभा अध्यक्ष के सामने इनकी सदस्यता रद्द करने के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया था। विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस जारी करने को पायलट समर्थक विधायकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने इस पर बेमियादी यथास्थिति का आदेश दिया था। इसके खिलाफ महेश जोशी और विधानसभा अध्यक्ष सी.पी.जोशी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई। महेश जोशी की एसएलपी वापस होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष की एसएलपी कोर्ट में जारी रहेगी। यह एसएलपी अध्यक्ष के नोटिस जारी करने की शक्तियों को लेकर दायर की गई है।
अब पाइए अपने शहर ( Jaipur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज