प्रदेश युवा कांग्रेस और महिला कांग्रेस ने केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में कोई बड़े आंदोलन या धरने प्रदर्शन प्रदेश में कहीं नहीं किए हैं, जबकि कांग्रेस सेवादल और एनएसयूआई की ओर से लगातार कृषि कानूनों के विरोध में धरने प्रदर्शन और विरोध मार्च निकाले जा रहे हैं।
कांग्रेस के दो अग्रिम संगठन युवा कांग्रेस और महिला कांग्रेस की निष्क्रियता को लेकर कांग्रेस गलियारों में चर्चाएं तेज हैं। न तो युवा कांग्रेस और न ही महिला कांग्रेस ने अलग से कोई आंदोलन किया है। हालांकि प्रदेश कांग्रेस की ओर से आयोजित होने वाले धरने प्रदर्शनों में जरूर महिला कांग्रेस और युवा कांग्रेस की भूमिका रहती है।
कांग्रेस हलकों में चल रही चर्चाओं के मुताबिक .युवा कांग्रेस को कांग्रेस के चारों अग्रिम संगठनों में से सबसे मजबूत संगठन माना जाता है, पूर्व में धरने प्रदर्शनों और बड़े आयोजनों में युवा कांग्रेस की बड़ी भूमिका रहती थी, लेकिन इस बार कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलनों में युवा कांग्रेस की सक्रिय भूमिका नहीं रही है। हालांकि हाल ही में जयपुर में हुए युवा कांग्रेस के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में किसानों आंदोलन पर चर्चा कर इतिश्री कर ली गई थी।
सिर्फ एनएसयूआई की है कार्यकारिणी
वहीं कार्यकारिणी की बात करें तो केवल युवा कांग्रेस की ऐसा संगठन है जिसकी वर्तमान में कार्यकारिणी है, जबकि महिला कांग्रेस, एनएसयूआई और सेवादल की कार्यकारिणी पिछले 6 माह से भंग पड़ी है।
सेवादल की जनजागरण तो एनएसयूआई की साइकिल रैली
वहीं दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस सेवादल की ओर से कृषि कानूनों के विरोध में प्रदेश भर में प्रदेश कांग्रेस सेवादल ने 28 दिसंबर को जनजागरण यात्रा शुरू की थी, दौसा अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, टोंक चित्तौड़गढ़, झालवाड़, कोटा, प्रतापगढ़, जोधपुर में जनजागरण यात्रा कर चुकी है,जहां आज वे पाली में जगजागरण यात्रा निकाल रही है, तो वहीं छात्र संगठन एनएसयूआई ने भी सोमवार को साइकिल यात्रा शूरू की है,एनएसयूआई साइकिलों पर सवार होकर देर रात बहरोड़ पहुंचे।
जहां से वे आज शाहजहांपुर पहुंचने के बाद वहां चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होंगे। गौरतलब है कि सेवादल पूर्व में भी किसान आंदोलन के समर्थन में तिरंगा यात्रा सहित कई कार्यक्रम कर चुका है। एनएसयूआई भाजपा सांसदों के घेराव और प्रदेश भाजपा कार्यालय का भी घेराव कर चुके हैं।