कायस्थ जनरल सभा के कार्यकारी अध्यक्ष अवध बिहारी माथुर ने बताया कि सात अक्टूबर 2003 को अरुणाचल प्रदेश के कामेंग जिले मेें आतंकियों से लोहा लेते हुए आलोक शहीद हो गए थे। शहीद के परिजनों की इच्छा थी कि बेटे के नाम पर पार्क हो और उसमें मूर्ति स्थापित कराई जाए, ताकि युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिल सके। पार्क का नाम तो शहीद के नाम पर रख दिया, लेकिन अब तक मूर्ति स्थापित नहीं हो पाई है। जबकि पार्क में मूर्ति लगाने में लिए फाउंडेशन भी सभा की ओर से तैयार करवा दिया है। सैनिक कल्याण मंत्री ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही मूर्ति लगवाएंगे।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और शहीदों की मूर्तियां स्थापित करने और इससे संबंधित अन्य दावों पर विचार करने के लिए एक समिति का वर्ष 2002 में पुनर्गठन किया गया था। इसमें स्वायत्त शासन एवं सामान्य प्रशासन मंत्री, सिंचाई मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री और समाज कल्याण मंत्री शामिल हैं।