आपको बता दे बाढ़ के बाद तेज पानी के बहाव के कारण पानी कही भी प्रवेश कर जाता है जिससे बग के साथ पानी दूषित होने की संभावना होती है. ऐसे में बाढ़ के संपर्क में आने वाले लोगों में बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है. बाढ़ के दौरान अगर किसी बीमारी के फैलने का खतरा सबसे अधिक होता है तो वो है हैजा. हैजा बाढ़ के दौरान फैलने वाली सबसे घातक बीमारी होती है. इसके कारण उल्टी-दस्त के मरीज बढ़ जाते है. कई गम्भीर मामलों में तो लोगों की मौत तक हो जाती है. दरअसल हैजा एक खास तरह के बैक्टीरिया के कारण फैलता है. यह मुंह और मलमार्ग के माध्यम से ज़ोर पकड़ता है. इससे प्रभावित लोगों के मल में बड़ी संख्या में इस बीमारी के जीवाणु पाए जाते हैं. इस मल के बाढ़ के पानी में मिल जाने की स्थिति में इसके कारण बड़े पैमाने पर संक्रमण फैल जाता है और बहुत तेजी से लोग हैजा के शिकार होने लगते हैं.
कोटा, झालावाड़, धौलपुर और अन्य जिलों में बाढ़ राहत के लिए आपदा राहत विभाग ने गुरुवार को करीब पांच करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं. विभाग अब तक 27 करोड़ रुपए स्वीकृत कर चुका है. जानकारी के अनुसार एक दिन पहले ही धौलपुर जिले के लिए डेढ़ करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे.बरसात से पहले सभी जिलों को दस-दस लाख रु पए स्वीकृत किए गए थे। संभाग मुख्यालय वाले जिलों को बीस लाख रुपए स्वीकृत किए गए
थे.जहां बरसात अधिक है उन जिला कक्लटर को निर्देश है कि वे राहत कार्य के लिए आवश्यक बजट का प्रस्ताव भेजेंगे.