मकर संक्रांति पर्व पर पतंगबाजी के साथ ही राजनीतिक चर्चाएँ भी परवान पर हिलोरें खा रही हैं। राजे और पूनिया खेमे के बीच अटकलें इस बात की भी लग रही हैं कि कौन नेता किसकी काट करता है। राजनीतिक जानकार भी मानते हैं कि इस सियासी पेंच लड़ाई में जिसकी ‘तंग’, ‘मंजा’ और ‘खेंच’ कमज़ोर रहेगी उसकी हार निश्चित होगी। अब इसे लेकर कई तरह की अटकलें भी लगाई जा रही है।
सामने आती रहती है गुटबाजी
भाजपा नेता भले ही अंदरूनी गुटबाजी से बार-बार इनकार कर चुके हैं लेकिन समय-समय पर राजे और पूनिया खेमे की गुटबाजी सामने आती रही है। हाल ही में राजे समर्थकों और पूनिया समर्थकों के अलग-अलग मंच तैयार होने और पदाधिकारी तक नियुक्त होने की बातें सामने आईं हैं। दोनों गुटों के समर्थक अपने-अपने नेताओं को प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर देख रहे हैं।