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सियासी ‘गपशप’: राजे-पूनिया के बीच लड़ रहा ‘पेंच’, जिसकी ‘तंग-मंजा-खेंच’ कमज़ोर उसकी हार निश्चित!

locationजयपुरPublished: Jan 14, 2021 11:41:22 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

मकर संक्रान्ति पर्व के बीच सियासी गपशप भी परवान पर, भाजपा गलियारों में हो रही अलग तरह की चर्चा, राजे-पूनिया के बीच लड़ रहे ‘पेंच’ में किसकी होगी जीत?वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव संभावित- अटकलें अभी से परवान पर, नेताओं का इनकार- पर कई बार सामने आ चुकी गुटबाजी, अपने-अपने नेता को अगला मुख्यमंत्री देखने की कसक, नेता-कार्यकर्ताओं के बीच ‘सस्पेंस’, किसके चेहरे पर लड़ा जाएगा अगला चुनाव?
 

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जयपुर।

मकर संक्रांति का पर्व जहां देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है, तो वहीं प्रदेश भाजपा के गलियारों में कार्यकर्ताओं के बीच एक अलग ही चर्चा ज़ोरों पर है। पार्टी के अंदरखाने इस बात को लेकर ‘गपशप’ चल रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया के बीच लड़े पेंच में आखिर जीत किसकी होती है?
दरअसल, वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव संभावित हैं। लेकिन प्रदेश भाजपा में राजे और पूनिया खेमे के बीच की गुटबाजी गाहे-बघाहे बाहर निकलकर सामने आ रही है। ऐसे में दोनों कथित गुटों में इस बात को लेकर सस्पेंस बना हुआ है कि राष्ट्रीय नेतृत्व इस बार किस नेता के चेहरे पर चुनाव मैदान में उतरेगा।
जिसका ‘तंग-मंजा-खेंच’ कमज़ोर, उसकी हार निश्चित !
मकर संक्रांति पर्व पर पतंगबाजी के साथ ही राजनीतिक चर्चाएँ भी परवान पर हिलोरें खा रही हैं। राजे और पूनिया खेमे के बीच अटकलें इस बात की भी लग रही हैं कि कौन नेता किसकी काट करता है। राजनीतिक जानकार भी मानते हैं कि इस सियासी पेंच लड़ाई में जिसकी ‘तंग’, ‘मंजा’ और ‘खेंच’ कमज़ोर रहेगी उसकी हार निश्चित होगी। अब इसे लेकर कई तरह की अटकलें भी लगाई जा रही है।

सामने आती रहती है गुटबाजी
भाजपा नेता भले ही अंदरूनी गुटबाजी से बार-बार इनकार कर चुके हैं लेकिन समय-समय पर राजे और पूनिया खेमे की गुटबाजी सामने आती रही है। हाल ही में राजे समर्थकों और पूनिया समर्थकों के अलग-अलग मंच तैयार होने और पदाधिकारी तक नियुक्त होने की बातें सामने आईं हैं। दोनों गुटों के समर्थक अपने-अपने नेताओं को प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर देख रहे हैं।
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