Surya Puja On Makar Sankranti सूर्यदेव की कृपा प्राप्ति का सबसे अच्छा मौका, जानें सूर्य पूजा का महत्व
Surya Mantra Makar Sankranti इस दिन सूर्यदेव की उपासना जरूर करें। इससे कुंडली में सूर्य ग्रह के दोष दूर होते हैं और सूर्य की स्थिति मजबूत बनती है। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर बताते हैं कि मकर संक्रांति पर शाम होने के पहले दिनभर में कभी भी सूर्योपासना कर सकते हैं।

जयपुर. सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति मनाई जाती है। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व सूर्यदेव की कृपा प्राप्ति का सबसे अच्छा मौका माना जाता है। इस दिन सूर्य पूजा की परंपरा है। सूर्य को तांबे के लोटे से जल चढ़ाने और तिल-गुड़ का दान करने का विधान है। माना जाता है कि इससे सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस बार 14 जनवरी 2021 यानि गुरुवार को मकर संक्रांति मनाई जा रही है। मकर संक्रांति पर हो सके तो किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यह संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगा जल या नर्मदा जल मिलाकर स्नान करें। इस दिन सूर्यदेव की उपासना जरूर करें। इससे कुंडली में सूर्य ग्रह के दोष दूर होते हैं और सूर्य की स्थिति मजबूत बनती है।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर बताते हैं कि मकर संक्रांति पर शाम होने के पहले दिनभर में कभी भी सूर्योपासना कर सकते हैं। इस दिन नहाने के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को जल चढ़ाएं। जल में लाल चंदन या लाल फूल भी मिलाएं। सूर्य को अर्घ्य देते समय गायत्री मंत्र का जाप करें अथवा सूर्यदेव के मंत्र ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ दिनकराय नम: आदि मंत्रों का जाप करें।
अर्घ्य देने के बाद सूर्यदेव के किसी मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। इस दिन गायत्री मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। सूर्य के 12 नामों का जाप भी कर सकते हैं। मकर संक्रांति पर आदित्य हृदयम या आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ का विशेष महत्व है। संभव हो तो आदित्य हृदय स्तोत्र का तीन बार पाठ करें और हर बार पाठ पूर्ण होने पर सूर्यदेव को जल अर्पित करें।
जिनकी कुंडली में सूर्य नीच का है, जिन्हें ज्यादा गुस्सा आता है वे इस दिन सूर्यदेव के बीज मंत्र ओम ह्रां ह्रीं हृों स: सूर्याय नम: का कम से कम 108 बार जाप जरूर करें। जितना अधिक से अधिक जाप करेंगे उतना ज्यादा लाभ होगा। मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ का सेवन करें और जरूरतमंद लोगों को दान भी करें। सूर्य पूजन से राजकीय अनुग्रह प्राप्त होता है, उच्च पद व यश—सम्मान मिलता है।
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