साथ ही बिजली आपूर्ति में व्यवधान संबंधी शिकायतों के लिए एक कॉल सेंटर भी बनाया है। टेलीफोन नम्बर 2203000 व टोल फ्री नम्बर 18001806507 या 1912 पर शिकायत दर्ज कराई जा सकेगी। जयपुर डिस्कॉम प्रबन्ध निदेशक नवीन अरोड़ा ने बताया कि एल्यूमिनियम फाॅयल (धातु) से बनी पतंग व मेटल पाउडर कोटेड मांझे का उपयोग नहीं करें। मांझे के बिजली के तारों में उलझने से हाई वाॅल्टेज उत्पन्न होने पर विद्युत उपकरणों को क्षति पहुंचने का खतरा रहेगा
ये भी बरतें सावधानी…. -यदि बिजली के तारों या उपकरणों में पतंग या डोर फंस जाए तो उसे खींचकर या धातु की छड़ से छुड़ाने का प्रयास नहीं करें। -यदि पतंग फंस जाए तो लोहे या एल्मूनियम के पाइप, सरिए या गीली लकड़ी से नहीं हटाएं।
-धातु से बनी हुई पतंग व मेटल पाउडर कोटेड मांझे का उपयोग नहीं करें, ये विद्युत चालक का कार्य करते है और दुर्घटना को लेकर बहुत खतरनाक है। मंदिरों में सजी झाकियां
छोटी काशी के देवालयों में पतंगबाजी महोत्सव का आगाज आज से हो गया है। शहर के मंदिरों में बिराजे प्रथम पूज्य गणपति ने पतंग डोर थाम ली है। मंदिरों में सोने और चांदी की पतंग डोर थामे गणपति की झांकियां सजाई जा रही हैं। इसी कड़ी में मंदिर श्री गीता गायत्री स्थित गणेश मंदिर में पंडित राजकुमार चतुर्वेदी के सान्निध्य में पतंग महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। गणेश जी, श्याम बाबा, राम दरबार, गीता गायत्री जी, हनुमान सभी देवताओं पर पतंग डोर की झाकियां सजाई गई हैं।