सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर आने शुरू हो गए है। एेसे में सूर्योदय के साथ ही लोगों में गलता स्नान, दान-पुण्य, देवदर्शन करने की होड सी मची। लोगों ने मंदिरांे में दर्शनों के साथ ही दिन की शुरुआत की। गलता पीठ के प्रवक्ता राघवेन्द्र ने बताया कि गलता तीर्थ में स्नान के लिए अलसुबह से ही लोग उमड़े। लोगों ने गलता स्नान करने के बाद दान पुण्य किया। गायों को हरा चारा खिलाया। पक्षियों को दाना डाला। गलतापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य महाराज के सान्निध्य में गलता तीर्थ में लोगों को खिचड़ी और चाय प्रसादी स्वरूप बांटी गई। गलता में नि:शुल्क चिकित्सा शिविर भी लगाया गया, जहां लोगों ने विभिन्न जांचें करवाई। मंदिरों में ठाकुरजी को तिल के लड्डुओं और फीणी का भोग लगाया गया। लोगों ने सूर्य कुंड में पुण्य की डुबकी लगाई। यहां शहर के साथ आस-पास के गांवों से भी लोग गलता स्नान के लिए पहुंचे।
शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में मकर संक्रांति महोत्सव का आयोजन किया गया। मंदिर में पतंगों की झांकी सजाई गई। मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि गोविंददेवजी के दर्शनों के लिए मंगला झांकी से ही लोग पहुंचे। लोगांे ने गोविंददेवजी के दर्शनों के साथ ही दिन की शुरुआत की। धूप झांकी के ठाकुरजी को तिल के लड्डुओं और फीणी का विशेष भोग लगाया गया। मंदिर में दर्शन करने आने वाले भक्तों को तिल के लड्डू बांटे गए।
शहर के काले हनुमानजी महाराज में विशेष झांकी के दर्शन हुए। मंदिर महंत गोपालदास महाराज के सान्निध्य में हनुमानजी महाराज को तिल के लड्डुओं और फीणी का विशेष भोग लगाया गया। मंदिर में दर्शनों के लिए सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ी। शहर के अन्य मंदिरों में भी ठाकुरजी के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी।
आपको बतादें कि इस बार मकर संक्रांति पर्व दो दिन मनाया गया। इसबार मलमास 16 दिसम्बर से शुरू हुआ, जो एक माह तक रहता है। एेसे में मलमास का असर मंगलवार की मध्यरात्रि बाद दो बजकर 08 मिनट तक रहने के कारण इस बार मकर संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी रहा। वहीं 14 जनवरी को पतंगोत्सव मनाया गया। संक्रांति को तिल का विशेष महत्व होने से तिल के लड्डू, गजक, रेवड़ी, तिलपट्टी का दान किया गया।