शहर की गौशालाओं में भी बड़ी संख्या में लोग दान—पुण्य के लिए पहुंचे। सुबह से ही गायों को चारा व गुड खिलाने के लिए लोगों में होड सी मची। दिनभर दान—पुण्य का मुहूर्त होने से सुबह से ही शुरू हुआ दान—पुण्य का यह सिलसिला शाम तक चला। सम्राट पंचांग के ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि मकर संक्रान्ति पर इस बार तीन खास संयोग बने। शुक्रवार और रोहिणी नक्षत्र का विशेष संयोग रहा। इसके अलावा मकर संक्रांति के दिन आनंदादि और ब्रह्म योग रहा। सूर्य देव अपने पुत्र शनि की स्वामित्व वाली मकर राशि आ गए है। वहीं शनि देव पहले से ही मकर राशि में है। बुध ने गत दिसंबर में मकर राशि में गोचर किया था। ऐसे में मकर राशि में एक साथ शनि, बुध और सूर्य देव रहेंगे।
सूर्य हुए उत्तरायण…
मकर संक्रांति को सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर गया। इसके साथ ही सूरज की चाल भी दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर से हो गई। अब सर्दी का प्रभाव भी धीरे-धीरे कम होने लगेगा। मकर संक्रांति पर कई विशेष योग बनने से लोगों में दान-पुण्य करने के प्रति खासा उत्साह रहा।