जयपुर

Makar Sankranti 2022 : कांग्रेस शासन की पतंग ऐसी कटेगी की 2023 में ढूंढ़ने से भी नहीं मिलेगी

मकर संक्रांति पर जयपुर में आमजन के साथ राजनेताओं ने भी पतंगबाजी का लुत्फ उठाया। यहां भी नेताओं ने सियासी बयानबाजी को पतंगबाजी से जोड़कर विरोधियों पर निशाना साधा है।

जयपुरJan 14, 2022 / 07:00 pm

Umesh Sharma

Makar Sankranti 2022 : कांग्रेस शासन की पतंग ऐसी कटेगी की 2023 में ढूंढ़ने से भी नहीं मिलेगी

जयपुर।
मकर संक्रांति पर जयपुर में आमजन के साथ राजनेताओं ने भी पतंगबाजी का लुत्फ उठाया। यहां भी नेताओं ने सियासी बयानबाजी को पतंगबाजी से जोड़कर विरोधियों पर निशाना साधा है।

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज जयपुर में कटी पतंगों की भरमार है। मगर बिना डोर के जैसे पतंग का कोई वजूद नहीं दिख रहा है, वैसे ही बिना कानून व्यवस्था के सरकार का वजूद नहीं है। इस सरकार के समय ना कानून है और ना कोई व्यवस्था है। एक से एक लोमहर्षक घटनाएं घटित हो रही है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के शासन की पतंग कटकर इतनी दूर गिरेगी की ढूंढ़ने से भी 2023 में राजस्थान में नहीं मिलेगी। बस समय का इंतजार है। उन्होंने कहा कि गहलोत सबसे विफल गृहमंत्री साबित हुए हैं। अलवर की लोमहर्षक घटनाओं से राजस्थान देश में शर्मसार है। इस दौरान राठौड़ ने सिविल लाइंस स्थित अपने आवास पर पतंगबाजी का भी लुत्फ उठाया।
पतंगबाजी और राजनेता एक-दूसरे से जुड़े हैं

भाजपा के कद्दावर नेता घनश्याम तिवाड़ी भी पतंगाजी के शौकीन हैं। हर साल मकर संक्रांति पर वो अपने दोस्तों और परिवार के साथ पतंगबाजी का लुत्फ उठाते हैं। तिवाड़ी ने इस बार भी परिवार संग पतंगबाजी का लुत्फ उठाया। उन्होंने कहा कि पतंगबाजी तो राजनेता के जीवन का अंग है। कभी वो पतंग काटते हैं तो कभी उनकी पतंग कट जाती है। अगर चुनाव में जीतते है तो उन्होंने पतंग काट दी और हार गए तो पतंग कट गई। इसलिए उनका जीवन तो पतंग से जुड़ा हुआ है।

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