मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि गांवों में विशेष शिविरों के माध्यम से ऑनस्पॉट रजिस्टे्रशन कर लोगों का वैक्सीनेशन किया जाए। इन शिविरों में टेन्ट, पेयजल और बैठने के लिए समुचित व्यवस्थाएं की जाएं। साथ ही, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि किसी भी वैक्सीनेशन साइट पर भीड़-भाड़ और कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं हो। इसके साथ ही शिविरों के प्रबंधन में स्थानीय सरपंच, पंच, बीएलओ, ग्राम सेवक एवं पटवारी आदि का सहयोग लिया जाए। वहीं शहरी क्षेत्रों में स्थानीय निकायों, औद्योगिक संगठनों एवं अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से विशेष शिविर आयोजित किए जाएं।
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि वैक्सीनेशन शिविराें में व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि लोगों को इसके संबंध में सूचना समय पर मिले और इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन की सक्रिय भागीदारी रहे।
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि अधिक जनसंख्या वाले गांवों में वैक्सीनेशन शिविर के लिए वार्ड संख्या के आधार पर व्यवस्था की जा सकती है। इसमें सरपंच तथा ग्राम सेवक के साथ-साथ वार्ड पंचों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने वैक्सीनेशन शिविरों को लेकर की जा रही तैयारियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार की ओर से निर्धारित कोटे के अनुरूप जितनी वैक्सीन उपलब्ध कराई जा रही है, उसे लगाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन बुकिंग की आवश्यकता नहीं होगी तथा शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन ऑनसाइट रजिस्टे्रशन के माध्यम से किया जाएगा।