पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी पंजाब निवासी हरिजंदर, संदीप, अलवर निवासी ललित शर्मा, श्री गंगानगर निवासी मनोज व विजय सिंधी, मध्यप्रदेश निवासी गिरीराज सिंधी व एक अन्य है। पुलिस के पास पीड़ित मनोज कुमार पहुंचा तो पुलिस ने पूरे चिटफंड कारोबार का खुलासा कर दिया। गिरोह के सदस्यों से 33 हजार रुपए की नगदी सहित लेन-देन का हिसाब जब्त किया है।
गिरोह के सदस्य मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन ठगी करते थे। पुलिस ने सभी आरोपियों के मोबाइल भी जब्त कर लिए है। मोबाइल के डाटा की जांच की जा रही है। पूछताछ में सामने आया कि इस गिरोह का हैड ऑफिस पंजाब के मोहाली में है। गिरोह का सदस्य बनाने के 46 हजार रुपए लेते थे। इसके अलावा उसको गिरोह में रैंक दी जाती थी।
इसके बाद चेन सिस्टम के जरिए और लोगों को सदस्य बनाने के बदले 11 हजार रुपए का कमीशन भी देते थे। यदि किसी ने दस सदस्य बना दिए तो उसे एक लाख रुपए देते थे। यही कारण है कि कमाई के फेर में प्रदेश के जिलों के लोगों को इसमें आसानी से फांस लिया। कई लोगों ने तो घर के सदस्यों और रिश्तेदारों को सदस्य बना दिया।
कई राज्यों के शहरों में फैला है नेटवर्क पुलिस ने बताया कि मोहाली में इसका हैड आॅफिस है। इसके अलावा हिमाचल, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत दूसरे कई राज्यों में नेटवर्क फैला रखा है। डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट आईएफए डॉट जोन डॉट इन पर लोगों को अपना सदस्य बनाते है। इसके बाद 46 हजार में सदस्य बनाने के बाद उन्हें चार महीने की ट्रेनिंग भी देते है, जिसमें चेन सिस्टम से सदस्य बनाने पर दिए जाने वाले कमीशन और दूसरों के सदस्य बनाने पर मिलने वाले फायदे का लालच दिया जाता था। प्रदेश में इसका दफ्तर जयपुर और अजमेर में है।