द्वितीय चरण में प्रस्तावित थे 3609 कार्य, अभी तक 2964 ही स्वीकृत, जिला परिषद के अधीन वाटरशेड में सर्वाधिक कार्य रिजेक्ट, खुद अधिकारियों ने पेश किए चौंकाने वाले तथ्य
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान का द्वितीय चरण शुरू करने की तैयारी जोर-शोर से की जा रही है, लेकिन आपाधापी के कारण प्रस्तावित किए 915 कार्य एक ही झटके में रिजेक्ट कर दिए गए। सोमवार को मीडिया से रूबरू होते हुए खुद अधिकारियों ने ये चौंकाने वाले तथ्य पेश किए। बताया कि ये कार्य अलग-अलग-टीमों ने प्रस्तावित किए थे इसलिए प्वाइंट सॉफ्टवेयर पर आते ही रिजेक्ट कर दिए गए। इससे ज्यादा वे कुछ नहीं बता पाए। यह भी दिलचस्प ही है कि जिला परिषद के अधीन संचालित वाटरशेड विभाग में सर्वाधिक कार्य रिजेक्ट हुए है। हालांकि इस विभाग में स्वीकृत कार्य भी ज्यादा है, लेकिन अभियान का संचालन करने वाला मुख्य विभाग होने से इसके खाते में रिजेक्ट का आंकड़ा बड़ा होना भी चिंताजनक ही है। वैसे अधिकारी बचाव का पक्ष रखते हुए बताते हैं कि यह प्रारंभिक स्थिति है इसमें फेरबदल भी हो सकता है।
अब नहीं होंगे डि-सिल्टिंग कार्य
जिला परिषद सीईओ आशाराम डूडी व अधीक्षण अभियंता बीएस पुरोहित मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने अभियान की क्रियान्विति व प्रथम चरण के दौरान करवाए कार्यों पर भी जानकारी दी। सीईओ ने बताया कि तालाबों में जमा मिटटी को प्रथम चरण में निकाला जा चुका है। लिहाजा इस चरण में डि-सिल्टिंग के कार्य नहीं किए जाएंगे। मेडबंदी, मिनी परकोलेशन टैंक, नाडी, सीसीटी, ट्रेंच, एनीकट, चारागाह विकास, पेयजल स्रोत कर मरम्मत व स्थापना समेत अन्य कार्य करवाए जाएंगे। ये कार्य विभिन्न विभागों को
आवंटित किए हैं।
फैक्ट फाइल
द्वितीय चरण में 5 पंचायत समितियों की 24 ग्राम पंचायतों में काम कराए जाएंगे। इसके तहत 41 गांव चिह्नित किए गए है। प्रथम चरण में 26 पंचायतों में 42 गांव चिह्नित किए गए थे।
किस विभाग से कितने रिजेक्ट
विभाग स्वीकृत रिजेक्ट (जिला-राज्य)
कृषि 71 45-5
वन 469 55-83
होर्टिकल्चर 39 12-0
पंचायतीराज 1 1-12
जलदाय 12 30-66
ग्रामीण विकास 1 6-4
जल संसाधन 34 20-0
वाटरशेड 2067 185-171
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