scriptमालेगांव ब्लास्ट केस:ट्रायल जज का कार्यकाल बढाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका | Malegaon Blast petition in SC for extension of Trial judge tenure | Patrika News

मालेगांव ब्लास्ट केस:ट्रायल जज का कार्यकाल बढाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

locationजयपुरPublished: Feb 29, 2020 05:02:48 pm

Submitted by:

Mukesh Sharma

2008 के (Malegaon Blast case) मालेगांव ब्लास्ट केस की (Trial) ट्रायल कर रहे मुंबई कोर्ट के जज वी.एस.पढ़ालकर 29 फरवरी को (Due to retire ) रिटायर हो रहे हैं और उनका (extension on tenure) कार्यकाल बढ़ाने के लिए(Suprme court Of India) सुप्रीम कोर्ट मंे एक (Petition) याचिका दायर की गई है।

मालेगांव ब्लास्ट केस:ट्रायल जज का कार्यकाल बढाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

मालेगांव ब्लास्ट केस:ट्रायल जज का कार्यकाल बढाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

जयपुर

2008 के (Malegaon Blast case) मालेगांव ब्लास्ट केस की (Trial) ट्रायल कर रहे मुंबई कोर्ट के जज वी.एस.पढ़ालकर 29 फरवरी को (Due to retire ) रिटायर हो रहे हैं और उनका (extension on tenure) कार्यकाल बढ़ाने के लिए(Suprme court Of India) सुप्रीम कोर्ट मंे एक (Petition) याचिका दायर की गई है। यह याचिका ब्लास्ट में अपने बेटे को खोने वाले निसार अहमद सैय्यद बिलाल ने दायर की है। जज का कार्यकाल बढ़ाने के लिए उनकी दलील है कि इससे ट्रायल जल्दी पूरी हो जाएगी। क्यों कि पहले ही इस मामले में 2015 में सुप्रीम कोर्ट के दखल से ट्रायल 12 साल बाद शुरु हो पाई थी। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के 15 अप्रेल,2015 के आदेश का हवाला भी दिया है। इस आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल में देरी को गंभीरता से लेते हुए एक जज को केवल यही एक केस निपटाने के लिए लगाने के आदेश दिए थे।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल ही अयोध्या के विवादित ढांच को ढ़हाने वाले केस की सुनवाई कर रहे सीबीआई कोर्ट के जज एस.के.यादव का कार्यकाल केस की ट्रायल पूरी होने तक बढ़ाने के आदेश दिए थे। जज पढ़ालकर को 2018 में लगाया गया था और इसके बाद ही कोर्ट ने अक्टूबर में आरोप तय किए थे और 140 से ज्यादा गवाहों की गवाही भी हो चुकी है। इस मामले में भोपाल से बीजेपी की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी अभियुक्त हैं। याचिका में कहा है कि जज पढ़ालकर केस से भली भांति परिचित हैं। यदि नए जज आए तो केस से संबंधित भारी भरकम रिकार्ड के कारण ट्रायल पूरी होने में देरी होगी। याचिकाकर्ता का कहना है कि ट्रायल में देरी से उसके आर्टिकल 21 के तहत त्वरित न्याय पाने के मूलभूत अधिकार का हनन होगा। हजारों पेज वाले भारी भरकम रिकार्ड है और केस बेहद पेचीदा है इसलिए वर्तमान जज का कार्यकाल ट्रायल पूरी होने तक बढ़ाना न्यायहित में होगा। याचिकाकर्ता ने ट्रायल जज का कार्यकाल बढ़ाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट को भी ज्ञापन दिया था लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर कुछ किया नहीं।
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