उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल ही अयोध्या के विवादित ढांच को ढ़हाने वाले केस की सुनवाई कर रहे सीबीआई कोर्ट के जज एस.के.यादव का कार्यकाल केस की ट्रायल पूरी होने तक बढ़ाने के आदेश दिए थे। जज पढ़ालकर को 2018 में लगाया गया था और इसके बाद ही कोर्ट ने अक्टूबर में आरोप तय किए थे और 140 से ज्यादा गवाहों की गवाही भी हो चुकी है। इस मामले में भोपाल से बीजेपी की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी अभियुक्त हैं। याचिका में कहा है कि जज पढ़ालकर केस से भली भांति परिचित हैं। यदि नए जज आए तो केस से संबंधित भारी भरकम रिकार्ड के कारण ट्रायल पूरी होने में देरी होगी। याचिकाकर्ता का कहना है कि ट्रायल में देरी से उसके आर्टिकल 21 के तहत त्वरित न्याय पाने के मूलभूत अधिकार का हनन होगा। हजारों पेज वाले भारी भरकम रिकार्ड है और केस बेहद पेचीदा है इसलिए वर्तमान जज का कार्यकाल ट्रायल पूरी होने तक बढ़ाना न्यायहित में होगा। याचिकाकर्ता ने ट्रायल जज का कार्यकाल बढ़ाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट को भी ज्ञापन दिया था लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर कुछ किया नहीं।