ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और धन—संपत्ति में वृद्धि होती है. खास बात यह है कि परमा एकादशी दुर्लभ सिद्धियां प्राप्त करने के लिए सबसे अच्छा मुहुर्त मानी जाती है। अत्यंत दुर्लभ सिद्धियों के कारण ही इसे परम या परमा एकादशी कहा जाता है।
मनोरथ पूर्ति के लिए यह व्रत बहुत शुभ और फलदायी माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, परमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को गंगाजल से स्नान करवाकर पीले रंग के नए वस्त्र पहनाना चाहिए. उन्हें पीले रंग के फल, फूल नैवेद्य अर्पित करना चाहिए. ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार इस दिन श्रीसूक्त और पुरुषसूक्त का पाठ जरूर करें।
ऐसा करने से लक्ष्मीनारायण का आशीर्वाद से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन सुंदरकांड का पाठ करने से भी पुण्य प्राप्त होता है। परम एकादशी पर विष्णु सहस्रनाम स्त्रोत्र का पाठ सबसे फलदायी होता है। सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें और विष्णुजी की विधिविधान से पूजा कर विष्णु सहस्रनाम स्त्रोत्र का पाठ करें। इससे अनंत गुना फल की प्राप्ति होती है।